ARTIA ने राजनीतिक दलों को भेजे संकल्प पत्र हेतु सुझाव, उद्योग-व्यापार की आवष्यकताओं को समाहित करें मैनीफेस्टो में

जयपुर। आल राज ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन ने राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों से कहा है कि अर्थ-व्यवस्था व रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण उद्योग-व्यापार जगत की आवयष्कताओं को राजनीतिक दल अपने मैनीफेस्टो में षामिल करें। आरतिया से विष्णुभूत व आषीष सर्राफ ने कहा है कि आरतिया द्वारा राज्य के व्यापार व उद्योग जगत से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दो हेतु 30 बिन्दुओं पर सुझाव प्रेषित किये हैं तथा उन्होंने कहा कि देष के अर्थ-तंत्र में उद्योग-व्यापार, सेवा तथा कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है तथा यही वह क्षेत्र है जो सरकार के लिए राजस्व का बड़ा स्रोत है तो सबसे अधिक रोजगार सृजन भी करता है।
कमल कंदोई व प्रेम बियाणी कहते हैं कि यह सब देखते हुए इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है कि देष में इस क्षेत्र को बढ़ावा मिले, इसकी समस्याओं का निराकरण हो, इससे संबंधित नीतियों-टैक्स प्रणाली का सरलीकरण हो। इस क्रम में सबसे पहले राजनीतिक दलों में मैनीफेस्टो बनाने वाली टीम औद्योगिक-व्यापारिक संगठनों से मिलें, उनका पक्ष सुनें, उनकी तकलीफ को समझें और फिर उनकी आवष्यकताओं को अपने मैनीफेस्टो में षामिल करें। इससे सरकार और जनता दोनों को ही लाभ होगा और उद्योग-व्यापार जगत भी गति पकड़ सकेगा।
ज्ञानप्रकाष व कैलाष षर्मा के अनुसार सरकारें और राजनीतिक दल उद्योग-व्यापार जगत को केवल कर वसूली का माध्यम न मानें बल्कि उनकी अहमियत को समझें। सरकारें टैक्स व उधार की राषि से जितना नियोजन देती हैं, उनकी तुलना में उद्योग-व्यापार जगत ने कई गुना नियोजन के अवसर उपलब्ध करा रखें हैं। इसी तरह असंगठित क्षेत्र का व खुदरा व्यवसायी भी स्व-रोजगार के जरिये अपना जीवन यापन करता है और सरकार के लिए राजस्व भी जुटाता है। इस तबके की आवष्यकता को भी राजनीतिक दल समझे तथा इस कर व रोजगार-दाता समुदाय के भले की बात भी मैनीफेस्टो में समाहित करे।
सौरव षर्मा व विनोद षर्मा कहते हैं कि अर्थ-व्यवस्था की बात करें तो देष में जो सकल मूल्यवर्धन गत वित्तवर्ष में हुआ है, उसका आकार 247.42 लाख करोड़ रूपये है, इसमें उद्योग, व्यापार-सेवा तथा कृषि क्षेत्र समेत सभी आर्थिक गतिविधियों की भागीदारी 212.94 लाख करोड़ रूपये की है। राजस्थान के संदर्भ में देखें तो जीवीए का आकार
13.11 लाख करोड़ रूपये गत वित्त वर्ष में दर्ज किया गया है। यह वह आंकड़ा है जो उद्योग-व्यापार, सेवा तथा कृषि क्षेत्र की सकल गतिविधियों को इंगित करता है।
नरेष चौपड़ा और सज्जन सिंह के अनुसार आरतिया ने प्रदेष के सभी प्रमुख औद्योगिक-कारोबारी संगठनों से अपील की है कि वे राजनीतिक-दलों पर इस बात का दबाव बनायें ताकि उनकी आवष्यकताओं को ये दल मैनीफेस्टो में षामिल  करें। इसके लिए संबंधित इलाकों में दौरा करने आये राजनेताओं को बाकायदा ज्ञापन आदि भी दिये जायें। साथ ही सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेष अध्यक्षों, विधायक दल नेताओं और प्रभारी महासचिवों-सचिवों को भी ज्ञापन की प्रति संगठन प्रतिनिधि के तौर पर मिलकर दी जाये।

प्रसिद्ध समाचार पत्रों में कवरेज