निवेशकों, जन-प्रतिनिधियां व अधिकारियों के समन्वय से राजस्थान की आर्थिक उड़ान को नया मुकाम

जयपुर। राजस्थान में सब कुछ पाजीटिव है और सच यह है कि निवेशकों, जन-प्रतिनिधियां व अधिकारियों का समन्वय राजस्थान की आर्थिक उड़ान को नया मुकाम दे सकता है। यह बात टीम आरतिया द्वारा किये गये मंथन से उभर कर सामने आई। बैठक में विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सर्राफ, प्रेम बियाणी, जगदीश पोद्दार, जसवंत मील, ज्ञान प्रकाश , ओ पी राजपुरोहित, तरूण शारदा , दिनेश गुप्ता, विक्रम सर्राफ, कैलाश शर्मा, एच एम जौहरी, आयुश जैन, राजीव सिंहल, सुरेश बंसल, सज्जन सिंह व संजय पारासर समेत अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। यह सुझाया है कि सरकार ने प्रवासी विभाग की घोषणा तो कर दी है, अब उसका प्रभावी कार्यान्वयन प्रतीक्षित है, वह हो जाने से निवेश को बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
टीम आरतिया का कहना है कि राईजिंग राजस्थान की शानदार सफलता और 35 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आना ऐतिहासिक है। राजस्थान के नजरिये से देखें तो डबल इंजन की सरकार है, केंद्र और राज्य के बीच अच्छा समन्वय है। फिर आईफा अवार्ड जैसी सेरेमनी के आयोजन से राजस्थान की इकोनॉमी को एक नया माईलेज मिला है। टूरिज्म इकोनॉमी को बड़ा आकार मिलने जा रहा है। आईफा अवार्ड सेरेमनी का राजस्थान में होना एक बड़ा संकेत दे रहा है और वैसे भी राजस्थान फिल्मों तथा वेब-सीरिज की शूटिंग का बड़ा डेस्टीनेशन है, आगे यह प्रवाह तेज गति से बढ़ सकेगा। फिल्म सिटी की स्थापना का इस आयोजन के उपरांत बड़ा आधार बन रहा है तथा अनेक फिल्म निर्माता इस दिशा में पहल कर सकते हैं।
मंथन में इनपुट यह आया है कि कुंभ की सफलता के बाद राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को बहुत बूम मिलने की संभावना है। राजस्थान सरकार ने आर्थिक समीक्षा में वर्णित भी किया है कि राज्य में सबसे अधिक घरेलू पर्यटक सीकर जिले में, फिर चित्तौड़गढ़ जिले में और उसके बाद अजमेर जिले में वर्ष 2024 के दौरान आये हैं। सीकर जिले में खाटूश्यामजी और जीण माता, चितौड़गढ़ जिले में सांवलिया सेठ का मंदिर और अजमेर में पुष्कर तीर्थ तथा दरगाह होने के कारण घरेलू पर्यटक बहुतायत से आ रहे हैं। जिस तरह कुंभ में 66 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं, ठीक उसी तर्ज पर राजस्थान के प्रमुख धार्मिक महत्व वाले स्थलों पर देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही का प्रवाह बढ़ेगा। इस परिदृष्य को देखते हुए राजस्थान की पर्यटन नीति में व्यवहारिक नजरिये से विस्तार की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
राईजिंग राजस्थान एमओयू तथा नये निवेष प्रस्तावों के संदर्भ में टीम आरतिया का इनपुट यह है कि सोलर एनर्जी राजस्थान की संपदा है और इससे संबंधित सभी आवश्यक उपकरणों का उत्पादन राजस्थान में सुनिष्चित किया जाये। व्यवसायिक अवसर प्राथमिकता के आधार पर राजस्थान को मिले और रैवेन्यू भी। दूसरी महत्वपूर्ण बात है राजस्थान में उत्पादित खनिज व कृषि उत्पादों का वैल्यू एडीशन राजस्थान में ही हो, इसके लिए मनोबल से कदम उठाने की जरूरत है, ताकि राजस्थान की औद्योगिक अर्थ-व्यवस्था को गति मिले। भू-आवंटन के बारे में टीम आरतिया का मानना है कि यह आवंटन व्यवहारिक दरों पर किया जाये।