राजस्थान के बजट में ARTIA को इन्नोवेटिव पहल की उम्मीद

राजस्थान के बजट में आरतिया को इन्नोवेटिव पहल की उम्मीद

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया) ने उम्मीद जताई है कि राजस्थान सरकार का जो बजट 19 फरवरी को प्रस्तुत किया जायेगा, उसमें क्रियेटिव एप्रोच के साथ इन्नोवेटिव पहल अवश्य होगी। राइजिंग राजस्थान की शानदार सफलता के बाद राजस्थान का औद्योगिक और कारोबारी विकास एक नये आयाम की ओर अग्रसर है तथा राजस्थान सरकार की वित्त मंत्री दीया कुमारी का जो ग्लोबल विजन है, वह इस बजट में देखने को मिल सकता है।

टीम आरतिया के विष्णु भूत, कमल कंदोई, जगदीश पोद्दार, आशीष सर्राफ, प्रेम बियाणी, जसवंत मील, ओ पी राजपुरोहित, एच एम जौहरी, विक्रम सराफ, तरुण सारडा, सी.ए. आयुष जैन, सुमित विजयवर्गीय और कैलाश शर्मा ने कहा है कि राजस्थान में अनेक बड़े स्कोप है जिनके दोहन के लिए राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए। सबसे पहले देश का विदेश व्यापार घाटा बहुत बढ़ रहा है, इसे कम करने के लिए उन उत्पादों के उत्पादन के लिए हर जिले में दो दो विशिष्ट उत्पादन जोन बनाने की आवश्यकता है, जिनका आयात हो रहा है। आरतिया ने एक निवेदन सरकार से यह किया है कि आयात विकल्प उत्पादों के उत्पादकों के लिए विशेष प्रौत्साहन दिये जाने चाहिए। इसके अलावा यह भी सुझाया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटन तभी हो जबकि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से एयर एक्ट तथा वाटर एक्ट संबंधी क्लीयरेंस मिल गई हो। इसके अलावा सिंगल विंडो को प्रभावी करते हुए सभी सरकारी क्लीयरेंस एक जगह से एक निर्धारित अवधि में मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।

टीम आरतिया ने कहा है कि भारत से बड़ी तादाद में छात्र विदेशों में पढ़ने के लिए जाते हैं, उस लेवल की पढ़ाई राजस्थान में सुलभ हो सके, इसके लिए राजस्थान में नालेज एंड रिसर्च सिटी विकसित किया जाए, जहां ग्लोबल लेवल के टाप रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों को शिक्षण संस्थान चलाने के लिए आमंत्रित किया जाये। इसी सिटी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर संचालित करने को प्रौत्साहित किया जाये, ताकि राजस्थान में भी वैज्ञानिक आविष्कार हो सकें। एक सुझाव यह भी दिया गया है कि सैकंडरी व कालेज शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ा जाये, ताकि सैकंडरी व कालेज शिक्षा प्राप्त छात्रों के हाथ में हुनर व एम्प्लायबिलिटी दोनों हों। इसके अलावा प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों में प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क सुलभ कराई जाये, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाये।

टीम आरतिया का कहना है कि राजस्थान में खेलों व सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जब आईपीएल के जरिए बीसीसीआई 50 हजार करोड़ रुपए वार्षिक कमा सकती है तो राजस्थान को सभी तरह के खेलों के आयोजन का ग्लोबल हब बनाया जाना चाहिए। इसके लिए प्रदेश स्तरीय खेल प्राधिकरण बने, जो प्रत्येक गांव में खेल प्रतिभाओं को प्रौत्साहित करे, साथ ही राज्य में ग्लोबल लेवल के टूर्नामेंट आयोजित करें, जिनकी स्पोंसरशिप से सरकार बहुत कमा सकती है। इसी तरह राजस्थान की लोक संस्कृति व कलाओं में बहुत विविधता है, इसका लाभ लेते हुए एक तो इन प्रतिभाओं को प्रमोट किया जाये और दूसरे राजस्थान में ग्लोबल लेवल की इवेंट्स आयोजित की जाये।

टीम आरतिया ने दो महत्वपूर्ण सुझाव और दिये हैं, पहला तो यह कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का लाभ सभी पैन कार्ड धारकों व जीएसटी पंजीकृतों को मिले, यह योजना सभी निजी अस्पतालों में अनिवार्य की जाये। दूसरे प्रदेश में प्रादेशिक व जिला स्तर पर उद्योग-व्यापार बोर्ड का गठन हो, जिसकी हर माह बैठक प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में और जिला स्तर पर जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में अनिवार्य सुनिश्चित की जाये

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