ऑनलाईन सट्टा (गेमिंग) की प्रविŸा से बढेगा अपराध व इसके होंगे भयावह दुष्परिणाम – ARTIA, अन्य सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर करेगा मंथन

जयपुर, 18 जनवरी : अखिल राज्य ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री एसोसियेषन (आरतिया) ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि आरतिया की कोर कमेटी की एक मीटिंग हुई तथा इसमें ऑनलाईन गेमिंग का जो बाजार लगातार बढता जा रहा है तथा लोग इसकी और आकर्षित हो रहे है, विषय पर चर्चा की गई। चर्चा में श्री आषीष सराफ, श्री कमल कन्दोई, श्री विष्णु भूत, श्री प्रेम बियानी, श्री नरेष चौपड़ा, श्री गिर्राज खण्डेलवाल, आनन्द पोद्दार, सौरभ शर्मा, राजीव सिंघल व अन्य पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई ने बताया कि आज जिस प्रकार से ऑनलाईन गेमिंग का बाजार बढता जा रहा है तथा मोबाईल के माध्यम से आज छोटे बच्चे से लेकर बडे, बुजुर्ग, व्यवसायी सभी जल्द से जल्द व अधिक से अधिक राषि जितने की कोषिष में इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं तथा इसके मायाजाल में फंसते जा रहे हैं इससे उनकी पूंजी का नुकसान तो होगा ही, साथ ही इससे विभिन्न मानसिक विकृतियां भी उत्पन्न होगी, जिससे छोटे-छोटे बच्चो में बचपन से ही जुंए की प्रविŸा पैदा हो जायेगी।
आरतिया के मुख्य संरक्षक आषीष सराफ ने बताया कि आज देष में अधिकतर राज्यों में लॉटरी को प्रतिबंधित किया हुआ है, जिसके पीछे तर्क था कि लॉटरी की लालसा में कई घर बर्बाद हो गये तथा लोगों को इसकी इतनी लत लग गई कि चाहे वे खुद या परिवार भूखा रह जाये परन्तु लॉटरी खरीदना जरूरी हो गया। किन्तु वर्तमान परिदृष्य में जिस प्रकार ऑनलाईन लाटरी एवं सट्टेबाजी की राष्ट्रीय एवं अन्तरार्ष्टीय कम्पनियों ने अपने पैर पसार लिये है तथा जिस प्रकार इसका प्रचार-प्रचार नामी-गिरामी हस्तियों द्वारा किया जा रहा है। एक्सपर्टस की मानें तो देष की बहुत बडी आबादी ऐसे प्लेटफार्म्स से जुड चुके हैं तथा आगामी वर्ष में इसका आंकड़ा तेजी से बढने की पूर्ण संभावना है। इससे आने वाले समय में चोरी, धोखाधडी, ठगी, लूटपाट आदि की घटनाऐं बढना स्वाभाविक है।
आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर कोई कानून नहीं है। अतः इस हेतु कडे कदम उठायें जावें तथा राष्ट्रीय स्तर पर एक कठोर कानून बनाया जावे ताकि इसके दुष्परिणामों को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि इस विषय पर विभिन्न सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के साथ चर्चा की गई है, जिसमें सभी का मत है कि इस गंभीर विषय पर एकजुट होकर इस मुद्दे को सरकार के समक्ष पूर्ण दृढता के साथ रखा जाना चाहिये।
आरतिया के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी ने समाज के वरिष्ठ लोगों, नीति निर्धारकों, पेषावरों व आमजन से आग्रह किया कि इस विषय पर गहनता से विवेचना कर अपने सुझाव भिजवावें ताकि इस विषय को सरकार के समक्ष सभी फैक्ट्स के साथ रखा जा सके। साथ ही श्री बियानी ने बताया कि इस विषय पर राज्य के सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों की एक बडी सभा प्रस्तावित है। यदि इस पर अभी कोई कदम नहीं उठाया गया तो स्थिती बहुत भयावह होगी तथा इसके दुष्परिणामों की कल्पना आंकलन से बाहर होगी।

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