22 देषों के प्रतिभागियों ने उद्यमिता पर किया ARTIA से संवाद
जयपुर।
भारत सरकार के विषेष कार्यक्रम के तहत 22 देषों के 34 प्रतिभागियों ने गत 4 दिनों में जयपुर की विभिन्न औद्योगिक ईकाईयों का भ्रमण किया व राजस्थान के बिजनेस माड्यूल को विस्तृत से जाना तथा आज जयपुर में प्रमुख उद्यमी और आरतिया के संरक्षक जसवंत मील के हैंडीक्राफ्ट उपक्रम हस्तकला की विजिट की और परिसर में आरतिया से उद्यमिता पर संवाद किया। ये प्रतिभागी अल्जीरिया, बोत्सवाना, भूटान, आइवरी कॉस्ट, इथियोपिया, इराक, जमैका, जॉर्डन, केन्या, इस्वातिनी साम्राज्य (पूर्व में स्वाजीलैंड), मलावी, माली, मंगोलिया, म्यांमार, नाइजर, नाइजीरिया, पेरू, दक्षिण सूडान, श्रीलंका, सूडान, सीरिया और तजाकिस्तान से आये थे। इन्होंने पहले तो 40 हजार वर्गफुट क्षेत्र में फैले हस्तकला परिसर की विजिट कर राज्य में हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्ी परिचालन की संपूर्ण जानकारी हासिल की। यहां उन्हें बताया गया कि किस तरह लकड़ी को सुखाकर प्रोसेस किया जाता है और बाद में उससे हस्तषिल्प उत्पाद बनाये जाते हैं। यह सारी प्रक्रिया प्रतिभागियों ने देखी।
इसके बाद आरतिया से संबद्ध प्रमुख उद्यमियों नरेष चौपड़ा, सुनील जी, आनंद पोद्दार, सौरव षर्मा और जसवंत मील से उद्यमिता विकास पर चर्चा की। इन उद्यमियों ने प्रतिभागियों को बताया किस तरह उन्होंने अपना काम करने के लिए प्रेरणा पाई और षुरूआत कर आगे बढ़े तथा सफलता का मुकाम अर्जित किया।
कार्यक्रम में विष्णुभूत, आषीष सर्राफ, कमल कंदोई, कैलाष षर्मा, डॉ. ज्ञान प्रकाष, डॉ. रमेष गांधी, अनिल सिंहल, विष्णु गोयल और केन्या राजस्थानी एसोसियेषन के अध्यक्ष डॉ. सोमवीर सिंह ने सभी आगंतुक प्रतिभागियों का स्वागत किया। इन सभी के साथ संवाद में प्रतिभागियों ने राजस्थान में निवेष व कारोबारी अवसरों पर जहां चर्चा की, वहीं अपने-अपने देषों में कारोबारी संभावनाओं के बारे में भी बताया। जैसे पेरू से आई अनु लूसिया ने बताया कि पेरू में राजनीतिक अस्थिरता अवष्य है, लेकिन राजस्थानी हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं की काफी मांग है। आईवरी कास्ट के प्रतिनिधि ने कहा कि उनके यहां निर्माण क्षेत्र में अकूत अवसर हैं। मंगोलिया की प्रतिनिधि ने जानकारी दी कि भारतीय मसालों की वहां काफी मांग है, ठंडा देष होने के कारण मसाले वहां बहुत कम होते हैं। श्रीलंका के प्रतिभागी ने राजस्थान-श्रीलंका टूरिज्म कार्डिनेषन डवलप करने की बात कही।
कार्यक्रम में नियाम के निदेषक व आरतिया के एडवाइजर रमेष मित्तल ने कहा कि देष की अर्थ-व्यवस्था में राजस्थानी उद्यमियों की भागीदारी सबसे अधिक है और यहां के उद्यमियों-कारोबारियों ने 125 से अधिक देषों में अपनी उद्यमिता का परचम फहराया है। यहां के उद्यमियों में साहस और नेतृत्व का जो गुण है, उसने इनमें उद्यमिता विकसित की है। प्रारंभ में
डॉ. रवि गोयल ने आरतिया का परिचय दिया और प्रेम बियाणी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय उद्यमषीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान द्वारा किया जाता है। कार्यक्रम के तहत, एशिया, अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन के साथ-साथ प्रशांत और छोटे द्वीप देशों के 161 देशों को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व के छह दशकों में प्राप्त भारतीय विकासात्मक अनुभव को साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस क्रम में राजस्थान में निवेष अवसरों का दोहन सुनिष्चित करने के लिए आरतिया ने यह समन्वय की पहल की है और इसी क्रम में 22 देषों के एक समूह ने भारत विजिट की है। वैष्विक अर्थ-व्यवस्था के वर्तमान दौर में विष्व विभिन्न के देषों के विषेषज्ञों और राजस्थान के उद्यमियों-कारोबारियों के बीच संवाद को गतिषील करने की दिषा में आरतिया सतत सक्रिय है।