सेमीकंडक्टर रिवोल्यूशन के लिए तैयार है राजस्थान: ARTIA

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री एसोसियेशन का कहना है कि राजस्थान सेमीकंडक्टर रिवोल्यूशन के लिए तैयार है, राईजिंग राजस्थान के अवसर पर इसका फायदा लेना चाहिये। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत एवं मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ ने कहा है कि राजस्थान में 3324 लाख टन सिलिकान क्वार्ट्ज के भंडार है। यह इलेक्ट्रोनिक् ग्रेड का सिलिकॉन है, जिससे सिलिकॉन मेटल और बाद में प्रोसेस कर चिप्स बनाई जाती है, जो कि सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री के लिए बेस मैटेरियल है। इस समय सेमी कंडक्टर्स का मोटे तौर पर आयात किया जाता है और राजस्थान को इस आयात का विकल्प उत्पादक स्टेट बना कर खरबों रूपये की विदेशी मुद्रा बचाई जा सकती है व विश्व-भर को निर्यात कर खरबों की विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है।

आरतिया के चेयरमैन कमल कंदोई और कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी ने कहा कि राईजिंग राजस्थान वह अवसर है जहां से हम राजस्थान का ट्रांसर्फोमेशन शुरू कर सकते हैं। सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए राजस्थान सरकार एक विशेष जोन बनाये, जो कच्चे माल उत्पादक जिलों अजमेर, ब्यावर और भीलवाड़ा को कवर करता हुआ हो। इस जोन में बिजली-पानी एवं अन्य इंफ्रास्ट्क्चर तैयार हो और यहां सेमीकंडक्टर उत्पादक इकाई स्थापित करने वालों को विशेष प्रौत्साहन भी दिया जाये। यह जोन इतना अफोर्डेबल हो ताकि यहां कंपीटीटिव लेवल पर उत्पादन हो सके। उनका यह भी कहना था कि राज्य में फेल्सफार क्वार्ट्स का सालाना उत्पादन 3 करोड़ टन से अधिक है, लेकिन यह गुजरात की सेरेमिक इण्डस्ट्री में जा रहा है। पहल हो तो अजमेर, ब्यावर और भीलवाड़ा जिले एशिया में सेरेमिक के बड़े हब बन सकते हैं।

आरतिया के स्ट्रेटेजिक एडवाईजर अजय गुप्ता और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा का कहना है कि शहरी इलाकों और नजदीकी औद्योगिक क्षेत्रों में तो जमीनों के दाम बेतहाश बढ़ गये हैं, इस मूल्य पर जमीन खरीद कर उद्योग लगाना व्यवहारिक नहीं है। बेहतर है सरकार प्रदेश की सभी पंचायत समिति क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में सवाई-चक जमीनों का पूल बनाये और वहां डेयरी व एग्रि क्लस्टर के साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे-माल आधारित उद्योगों को प्रमोट करे। इलाकों में स्थानीय लोग निवेश कर सूक्ष्म व लघु उद्योग इकाइयों की स्थापना करेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार दे सकेंगें। राजस्थान की 352 से अधिक पंचायत समिति क्षेत्रों में ये क्लस्टर राज्य की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में बड़ा बदलाव जा सकते हैं।

आरतिया के सलाहकार ओ पी राजपुरोहित और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सज्जनसिंह का कहना है कि राईजिंग राजस्थान की अवधारणा का सरकार विकेंद्रीकरण करे और उपखंड स्तर पर प्रतिस्पर्धा विकसित करे। राईजिंग सब-डिवीजन एरिया की अवधारणा को बल दिया जाये, ताकि संबंधित इलाके में उद्योग व सेवा क्षेत्रों का विकास हो सके। हर उपखंड क्षेत्र में उद्योग-हस्तशिल्प के अलावा पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में निवेश की अकूत संभावना है। इसके लिए हर क्षेत्र में स्थापित व सफल उद्यमियों-कारोबारियों को संबंधित इलाके का ब्रांड एंबेस्डर बनाकर उन्हें प्रवासी राजस्थानियों से निवेश लाने के लिए अवसर दिया जाये। ऐसे लोग समग्र राजस्थान में बड़ा निवेश लाकर गतिशील कर सकते हैं। इसके अलावा हर उपखंड मुख्यालय पर राईजिंग राजस्थान हैल्प-डेस्क स्थापित हो, जहां से उद्यमी-निवेशक की सभी क्लीयरेंस सुनिश्चित की जाये।

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