ARTIA ने की मांग राजस्थान बने ग्लोबल स्टेंडर्ड एजुकेषन हब

राज्य में बनायें रिसर्च एंड इन्नोवेषन केंद्र
बजट पूर्व मीटिंग में मुख्यमंत्री के समक्ष दिये सुझाव

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसियशन की ओर से राजस्थान सरकार को सुझाया गया है कि राजस्थान में रिसर्च एंड इन्नोवेशन का केंद्र तथा ग्लोबल स्टेंडर्ड एजुकेशन का हब बनाने की मांग की है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सभागार में आयोजित बजटपूर्व मीटिंग में आरतिया अध्यक्ष विष्णु भूत और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने राजस्थान को आयातित वस्तुओं के उत्पादन का प्रमुख डेस्टीनेषन बनाने, राज्य के सभी पंचायत समिति क्षेत्रों में एग्री एंड डेयरी प्रोसेसिंग क्लस्टर स्थापित करने, जीएसटी की व्यवहारिक समस्याओं का समाधान करने के लिए जिला स्तर पर हर शनिवार शिविर आयोजित करने, राज्य की सौर उर्जा उत्पादन क्षमता एक लाख मेगावाट करने, इकोनामिक रिवाईवल टास्क फोर्स जल्द गठित करने और स्टेट बजट के लिए रिफार्म प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग की है।
आरतिया ने उक्त बैठक में कहा कि प्रदेश में रिसर्च एंड इन्नोवेशन को लेकर अब तक कोई प्रौत्साहन नहीं है और न ही कोई ऐसा केंद्र। इस क्रम में राजस्थान सरकार एक पहल करे और रिसर्च एंड इन्नोवेशन सेंटर स्थापित करे। इस केंद्र के संचालन हेतु आईआईटी से पीएचडी कर ग्लोबल लेवल पर रिसर्च करने वालों को आमंत्रित किया जाये। राजस्थान की डायवर्सिटी इतनी है कि यहां रिसर्च एवं इन्नोवेशन के जरिये नये आविष्कार हो सकते हैं। देश के जिन छात्रों को रिसर्च करने के लिए पश्चिमी देशों में महंगे खर्चे पर जाना होता है, उनके लिए यह सुविधा राजस्थान उपलब्ध करा सकता है। इसी तरह टीम आरतिया ने यह भी कहा कि अकेले राजस्थान से हजारों की तादाद में छात्र विदेशों में उच्च स्तर की पढ़ाई करने जाते हैं, अभिभावकों का यह खर्च बचे और राजस्थान ग्लोबल लेवल की एजुकेशन का हब बने, इसके लिए सरकार एक पहल करे तथा ग्लोबल इंडेक्स की टाप 50 यूनीवर्सिटीज को राजस्थान में अपने शेक्षणिक केंद्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित करे। इसकी कार्य-संचालन प्रक्रिया भी सरल रहे, ताकि प्रमुख विदेशी विश्वविद्यालय राजस्थान आकर केंद्र आसानी से स्थापित कर सकें। आरतिया ने राज्य सरकार को सुझाव देने के लिए बजट समिति की बैठक आयोजित की थी, जिसमें कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, आशीष सर्राफ, राजकुमार अग्रवाल, दिनेश गुप्ता, विजय गोयल, योगेश बंसल, सज्जन सिंह और राजीव सिंघल उपस्थित थे।
आरतिया का यह भी कहना है कि देष का आयात 50 लाख करोड़ रूपये के पार हो गया है, जबकि इन आयातित वस्तुओं में से अनेक हम भारत में बना सकते हैं। ऐसी आयात होने वाली वस्तुओं का उत्पादन केंद्र राजस्थान बने, इसके लिए राजस्थान सरकार विशेष पहल करे और हर जिले में इन उत्पादों का उत्पादन करने वाली औद्योगिक टाउनशिप विकसित करे। इसी तरह राज्य के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने और उनमें उद्यमिता विकसित करने के लिए सरकार प्रदेश की सभी 352 पंचायत समिति क्षेत्रों में एग्री-डेयरी प्रोसेसिंग क्लस्टर स्थापित करने के लिए निजी निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित करे। आरतिया ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार का पर कर्ज का बोझ जिस तरह से बढ़ रहा है उससे स्टेट की सोवेनिरिटी प्रभावित हो रही है। इसकी मर्यादा कायम रखने और राज्य सरकार पर आर्थिक दबाव कम रखने के लिए बजटीय रिफार्म की जरूरत है। सरकार जो इकोनॉमिक रिवाईवल टास्क-फोर्स बनाने जा रही है, वह बजटीय रिफार्म पर भी फोकस करे। एक्सपेंडीचर हैड में अनेक मदें ऐसी हैं, जिन्हें हटाया या घटाया जा सकता है।

 

प्रसिद्ध समाचार पत्रों में कवरेज