थीम-बेस मार्केट से पनपेगा रिटेल कारोबार – ARTIA

जयपुर। दिनांक 29.04.2023: विकास की अर्थ-व्यवस्था के वर्तमान युग में उपभोक्ता और उत्पादक दोनों की सहूलियत के लिए थीम-बेस मार्केट महत्वपूर्ण अवधारणा, इससे देश में रिटेल को बड़ा बूस्ट मिल सकता है और छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी तादाद में नये अवसर सृजित हो सकते हैं। यही वजह है कि राजस्थान में थीम-बेस मार्केट विकसित किये जाने की आवश्यकता है। यह कहा है आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन आरतिया ने। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत व मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ ने कहा है कि इस बारे में पहल राज्य सरकार को ही करनी है, क्योंकि राज्य सरकार ने अब तक जितना थीम-बेस काम किया है, वह सफल रहा है। 
 
मुख्य सलाहकार कमल कंदोई व कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी ने बताया कि जयपुर में सरकार की ओर से जो थीम बेस बाजार विकसित किये गये हैं, वे बहुत सफल रहे हैं। चाहे दोनों अनाज मंडियां सूरजपोल व कूकर-खेड़ा हो, चाहे आतिश मार्केट और लोहामंडी हो और चाहे ताजा परिदृष्य में मसाला चौक हो। इस सफलता को देखते हुए सरकार अन्य क्षेत्र विशेष के लिए जयपुर ही नहीं पूरे राज्य के प्रमुख शहरों में थीम बेस बाजार विकसित करे। इससे प्रदेश की बाजार अर्थ-व्यवस्था जहां बेहतर हो सकेगी, वहीं नये कारोबारी अवसर भी सृजित होंगे। इसके अलावा देशी-विदेशी पर्यटकों तथा घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह सुविधाजनक होगा। विश्व स्तर पर जिस तरह का बदलाव बाजारों में हो रहा है, तदनुसार बदलाव भी राजस्थान के लिए प्रासंगिक है। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के कारोबारी को संगठित कारोबारी के तौर पर काम करने का अवसर भी मिलता है।
 
संरक्षक जसवंत मील और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा का कहना है कि थीम बेस बाजार की अवधारणा में किसी प्रोडक्ट विशेष का बाजार विकसित होता है। जिसमें अधिकतर उत्पादक, थोक-खुदरा विक्रेता इस बाजार में वस्तुओं का विक्रय करते हैं। ये बाजार दो तरह के होते हैं, एक स्ट्रीट-मार्केट और दूसरा बहुमंजिला परिसर वाले। दोनों पूरी सुविधाओं से युक्त होते हैं, जिनमें पार्किंग आदि शामिल है। इससे उपभोक्ता को बहुत सारी वैरायटी एक ही क्षेत्र में मिल जाती है, उसे चयन करने की अवसर मिलता है और समय भी बचता है। सामान्यतः जब ग्राहक किसी बाजार में जाता है तो इच्छित वस्तु या वैरायटी न मिल पाने के कारण वह लौट जाता है। पर थीम-बेस बाजार में अधिसंख्य ब्रांड व वैरायटी उपलब्ध रहते हैं, इस कारण ग्राहक निराश नहीं लौटता। इससे बाजार में कारोबारी आकार बढ़ता है और सरकार को कर राजस्व भी समुचित मिलता है।

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