साइबर अपराध से पूर्व अपराधी की शिनाख्त का तंत्र हो विकसित: ARTIA

जयपुर। 
आल राज. ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन ने प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा पुलिस मुख्यालय पर साइबर क्राइम यूनिट स्थापित करने का स्वागत किया है और कहा है कि अधिकतर मामलों में साइबर अपराध से पूर्व अपराधी की शिनाख्त संभव है, ऐसा करने के लिए आवश्यक तंत्र विकसित किया जाये। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत तथा मुख्य संरक्षक अशीष सर्राफ ने कहा कि अधिकतर मामलों में मोबाइल के जरिये एसएमएस तथा वाट्सएप पर प्री-क्राइम मैसेज आते हैं, जो लोग इन संदेशों के मंतव्यों को समझ नहीं पाते, वे इन मैसेज पर दिये लिंक पर आगे से आगे प्रोसीड करते रहते हैं और साइबर क्राइम की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे सन्देशों के प्रति आम जन को जागरूक करने के लिए सरकार ने जागरूकता अभियान की बात की है और आवश्यकता यह है कि सभी पुलिस थाने इस अभियान को निकटवर्ती व्यापार-उद्योग संगठनों तथा बैंकों आदि के जरिये संचालित करें। 
आरतिया के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने कहा है कि मोबाइल-धारक और ईमेल धारक इसकी चपेट में आते हैं। ऐसे में मोबाइल धारकों व ई-मेल धारकों को जागरूक करने की जरूरत है कि किस तरह के संदेश से साइबर क्राइम की चपेट में आ सकते हैं और ऐसे संदेश आने पर किस तरह से बचाव किया जाये। 
आरतिया के एडवाईजर स्ट्रेटेजी ज्ञान प्रकाश और वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिराज खंडेलवाल व सज्जनसिंह ने कहा कि गृह विभाग सभी थानों में साइबर क्राइम अपराध की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की प्रक्रिया सुनिश्चित करे। जिन लोगों के पास प्री-क्राइम मैसेज आते हैं, वे संबंधित मैसेज साइबर क्राइम यूनिट्स के पास भेजें, ऐसे मैसेज तत्काल अटैंड कर तदनुसार एक्शन लेने की प्रक्रिया सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे सतत गतिशील रहे। सरकार ने साइबर क्राइम पुलिस थानों की बात कही है, लेकिन उपखंड स्तर पर एक थाना ऐसा होना चाहिये जहां साइबर क्राइम की जांच के विशेषज्ञ हर समय उपलब्ध रहें।

प्रसिद्ध समाचार पत्रों में कवरेज