फैसला सिर-माथे, लेकिन क्रियान्वयन में हो पारदर्शिता, स्पष्टता और सरलता, सरकार करे सुनिश्चित अनिश्चितता का नहीं बने माहौल

जयपुर। आल राज ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने 2000 रूपये की नोटबंदी के फैसले पर कहा है कि सरकार का फैसला सिर माथे, लेकिन आगे की प्रक्रिया रहे पारदर्शी, स्पष्ट और सरल। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत व मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि अब नोटबंदी-2016 की तरह अनिश्चितता का माहौल नहीं बने। रिजर्व बैंक ने जो दिशा निर्देश 2000 रूपये के नोट जमा करने को लेकर जारी किये हैं, उनकी सहज पालना सुनिश्चित हो। 
रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार  5 मई 2023 तक करेंसी इन सरकुलेशन का आकार 33.66 लाख करोड़ रूपये था, जबकि नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय करेंसी इन सरकुलेशन 17.01 करोड़ रूपये थी। इस तरह नोटबंदी के बाद से करेंसी इन सरकुलेशन का आकार तेजी से बढ़ा है। इसमें 2000 रूपये की करेंसी का सरकुलेशन 31 मार्च, 2018 को 6.73 लाख करोड़ रूपये था, जो कि मार्च 2023 की समाप्ति तक घटकर 3.62 लाख करोड़ रूपये रह गया। 
आरतिया के मुुख्य सलाहकार कमल कंदोई व कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी का कहना है कि 2000 रूपये का नोट बंद करने का उद्योग-व्यापार जगत पर मिश्रित प्रभाव आयेगा, तो वहीं सरकार के लिए यह राजस्व बढ़ोतरी का फैसला है। अब उद्यमी-कारोबारी ही नहीं बल्कि सामान्य जन भी अपने हाथ में नकदी कम रखेंगे और बैंक में अधिक, इससे बैंकों का जमा आधार बढ़ेगा। प्रचलित मुद्रा का आकार कम होने के कारण मुद्रा-स्फीति में कमी आयेगी और जन-साधारण की क्रय शक्ति में इजाफा होगा। जिनके यहां नकद कारोबार अधिक होता है, उन्हें कदाचित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन चूंकि सरकार देश को डिजिटल करेंसी की ओर उन्मुख कर रही है, अतः यह प्रणाली तो जन-जन को अपनानी ही होगी। वैसे इस कदम से देश की प्रचलित मुद्रा के प्रति विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है, साथ ही निवेश बिस्किट पूजा के पर भी असर आ रहा है। सरकार की ऐसे में जिम्मेदारी है कि वह जो भी प्रचलित करेंसी है, उसके प्रति विश्वसनीयता का भाव जन-जन में जागृत करे। 
आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा और संजय पाराशर ने सुझाया है कि वर्तमान परिदृष्य में रिजर्व बैंक पहल करे और देश की सभी बैंक शाखाओं के सभी खाता-धारकों को उन दिशानिर्देशों की जानकारी व्यक्तिगत रूप से दे, जो 2000 रूपये का नोट बंद करने पर जारी किये गये हैं। इसके लिए रिजर्व बैंक देश जय के तमाम व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों का सहयोग लेकर उनके साथ अवेयरनैस-प्रोग्राम संचालित करे। रिमोट-एरिया के लोगों को अधिकारिक तौर पर सरकारी दिशानिर्देशों की जानकारी नहीं मिल पाती, उन्हें भी उनकी भाषा में मौखिक रूप से अवगत कराया जाये। सरकारी योजनाओं के लाभार्थी बैंक-खाताधारकों को भी यह जानकारी सरलता व सहजता से दी जाये। 

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