पर्यटकों व पर्यटन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करें : ARTIA
जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया) ने पहलगाम घटनाक्रम का हवाला देते हुए राजस्थान में पर्यटकों तथा पर्यटन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के राजस्थान सरकार से आग्रह किया है। टीम आरतिया के विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सर्राफ, प्रेम बियाणी, ज्ञान प्रकाश, ओ पी राजपुरोहित , अजय गुप्ता , विष्णु गोयल व कैलाश शर्मा ने कहा है कि वर्ष 2024 के दौरान राजस्थान में 23.21 करोड़ पर्यटक आये थे, जिनमें 20.72 लाख विदेशी तथा 23 करोड़ से अधिक देशी थे।
आरतिया का अनुमान है कि जिस गति से वर्तमान दशक के पहले चार साल के दौरान राजस्थान में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, उसे देखते हुए वर्तमान वर्ष में यह आंकड़ा 26-27 करोड़ के करीब पहुंच सकता है। उल्लेखनीय है कि (राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार) राजस्थान में वर्ष 2020 में देशी पर्यटकों की संख्या 151 लाख तथा विदेशी पर्यटकों की 4.46 लाख अर्थात कुल 1.55 करोड़ से अधिक रही थी। जिसकी तुलना में अब 18 गुना पर्यटकों का प्रवाह हो गया है।
इतनी बड़ी तादाद को देखते हुए राजस्थान में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए व्यापक पैमाने पर सुरक्षा बल की आवश्यकता है। पर राजस्थान सरकार पर्यटन विभाग के पास केवल 232 सुरक्षा कर्मियों का बेड़ा है और वह भी संविदा पर। पर्यटन विभाग का कुल बजट चालू वित्त वर्ष के लिए 166.73 करोड़ है, जिसमें निदेशालय व प्रशासन का 20.94 करोड़ तथा पर्यटन सहायता बल का 4.62 करोड़ रुपए मात्र है। जो कुल 232 सुरक्षा कर्मी पर्यटन सहायता बल में है उनमें एक तिहाई से अधिक अर्थात 84 तो जयपुर में तैनात हैं, इसके बाद 20 जैसलमेर में, 14 अजमेर पुष्कर में, 12 जोधपुर तथा मात्र 10 उदयपुर में हैं। सवाई माधोपुर में केवल 6 सुरक्षा कर्मी हैं। जबकि प्रदेश में सबसे अधिक घरेलू पर्यटक पौने तीन करोड़ से अधिक खाटू श्यामजी में आते हैं, वहां की सुरक्षा केवल स्थानीय पुलिस बल पर केंद्रित है, यही स्थिति सालासर बालाजी, सांवलिया जी चितौड़गढ़, श्रीनाथजी नाथद्वारा, राणीसती झुंझुनूं, कैलादेवी करौली, रामदेवरा, श्रीमहावीरजी, खोले के हनुमानजी जयपुर तथा गोविंद देव जी व मोतीडूंगरी गणेश जी के है।
टीम आरतिया का सुझाव है कि प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों की सप्ताह में सातों दिन और 24 घंटे पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। सुरक्षा बल भी संविदा वाला नहीं बल्कि हर तरह की परिस्थितियों से जूझने वाला प्रशिक्षित हो। प्रत्येक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर समुचित संख्या में सुरक्षा कर्मी हर वक्त मुस्तैद हों यह सुनिश्चित किया जाए।
आरतिया ने यह भी सुझाया है कि वरिष्ठ नागरिकों ( 60 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए) को मंदिर दर्शन तथा पर्यटन स्थल भ्रमण के लिए सहज सुविधा सुलभ हो। इसके अलावा नेचुरल काल फैसिलिटी हर जगह उपलब्ध कराई जाये व आपातकालीन चिकित्सा सुविधा भी सुनिश्चित होनी चाहिए। अनेक बार देखा गया है कि मंदिरों की लंबी कतार में बुजुर्ग लोग नैचुरल काल की स्थिति में बहुत परेशान होते हैं तथा कभी अचानक तबियत बिगड़ जाए तो भी स्पाट पर तत्काल चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती। इस स्थिति पर भी फोकस करना चाहिए। विश्व में अनेक स्थानों पर और देश में भी बुजुर्गों तथा विशेष योग्य जनों के लिए दर्शन आदि के लिए अलग से लेन होती है, वह व्यवस्था राजस्थान में भी सुनिश्चित की जाये।
इसके साथ ही आरतिया ने यह भी कहा है कि प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सक्रिय लपका गैंग से पर्यटकों की हिफाजत के लिए माकूल इंतजाम किया जाना भी सरकार की प्राथमिकता में हो