राजस्थान की ईको-टूरिज्म परियोजनाओं के लिए धन सुलभ कराये केंद्र सरकार

जयपुर। जयपुर। आल राज ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसियेशन ने मांग की है कि राजस्थान की ईको-टूरिज्म परियोजनाओं को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार धन उपलब्ध कराये। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत, मुख्य संरक्षक अशीष सर्राफ, चैयरमेन कमल कंदोई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने साझा बयान में कहा है कि भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत देष में 6 राज्यों उत्तराखंड, तेलंगाना, केरल, मिजोरम, मध्यप्रदेश और झारखंड में ईको टूरिज्म परियोजनाओं के लिए 415.44 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये गये हैं। पर राजस्थान वंचित रहा है।
आरतिया का कहना है कि राजस्थान में सरकार ने दस ईको टूरिज्म साईट्स सूचीबद्ध कर रखी हैं, जिनमें जयसमंद, सज्जनगढ़, फुलवारी की नाव, माउंट आबू, सरिस्का टाईगर रिजर्व, सरिस्का बफर जोन, गुढ़ा बिष्नोईयान, सीतामाता, बस्सी तथा झालाना लेपर्ड रिजर्व के नाम उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा प्रदेश में दस से अधिक साईट्स ऐसी हैं, जिनका सूचीबद्ध होना लंबित है, इनमें भीलवाड़ा के पास हमीरगढ़ का नाम उल्लेखनीय है।
आरतिया ने बताया है कि भारत में अब जो विदेशी पर्यटक आते हैं उनकी दिलचस्पी ईको-टूरिज्म पर बहुत हो गई है। टूरिज्म इंडस्ट्री में हिस्ट्री से ईको की तरफ ट्रांसफॉर्मेशन का एक दौर चल रहा है। इस स्थिति का लाभ लेना तभी संभव है जबकि ईको-टूरिज्म साईट्स पर इन्फ्रास्ट्क्चर डवलपमेंट परफेक्ट हो और पर्यटन क्षेत्र में निवेश के इच्छुक कारोबारियों को तदनुसार अवसर मिले। देश में सरकार ने 55 ईको टूरिज्म डेस्टीनेशन चिन्हित किये हैं। भारत सरकार के पर्यटन विभाग ने ईको टूरिज्म के लिए राष्ठट्रीय नीति भी बना रखी है। इसके अलावा विभिन्न मीडिया माध्यमों से ईको-टूरिज्म साईट्स की जानकारी भी सरकार उपलब्ध कराती है। पर महत्वपूर्ण है राजस्थान की ईको-टूरिज्म साईट्स पर बेहतर आधारभूत ढांचे का निर्माण और उसके लिए केंद्रीय सहायता की दरकार।

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