बजट से सभी क्षेत्रों को कवर करने में कामयाब रही वित्त मंत्री : ARTIA

ARTIA on budget by finance minister

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसियेशन ने केंद्रीय बजट को सभी क्षेत्रों को कवर करने वाला कामयाब बजट बताया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट बनाने के लिए चार थीम नियोजन, स्किलिंग, एमएसएमई और मिडिल क्लास को आधार बनाया है। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत व मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ के अनुसार बजट को किसानों, युवाओं, गरीबों और महिलाओं को केंद्रित रख बनाने की जो कोशिश की गई है, उसके लिए केंद्र सरकार साधुवाद की पात्र है। दोनों ने एग्रिकल्चर रिसर्च में ट्रांसफार्मिंग, नेशनल को-आपरेटिव पॉलिसी, आत्मनिर्भरता, फल-सब्जी उत्पादन व सप्लाई चैन, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्क्चर योजना लागू करना एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
आरतिया के चेयरमैन कमल कंदोई और कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी ने एंप्लायमेंट एवं स्किलिंग के लिए तीन योजनाएं जारी करना एक लाभकारी पहल बताया है और कहा है कि इससे नियोजक और युवाओं दोनों के लिए सहूलियत है। आज देश की टे्ड एंड इंडस्ट्री को बेहतर स्किल धारक अच्छी प्रोडक्टिविटी देने वाले युवाओं की जरूरत है, उस क्रम में सरकार ने उत्पादन क्षेत्र में जॉब क्रियेशन तथा स्किलिंग प्रोग्राम के जरिये जो घोषणाएं बजट में की है, उनके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार ने चार वर्ष तक ईपीएफओ कॉन्स्टिट्यूशन संबंधी जो घोषणा की है, उससे तीस लाख से अधिक युवाओं को फायदा होगा और नियोक्ताओं का आर्थिक दबाव भी कम होगा। इसी तरह महिलाओं और बालिकाओं के लिए तीन लाख करोड़ रूपये की जो योजनाएं घोषित की है, उस धन का सिस्टम में प्रवाह देश की बाजार अर्थ-व्यवस्था को मजबूती देगा।
आरतिया के स्ट्रैटेजी एडवाईजर ज्ञान प्रकाश और अजय गुप्ता ने कहा कि उत्पादन और सेवा क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएं की गई हैं, जिनमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम, एमएसएमई क्रेडिट के लिए न्यू एसेसमेंट मोड, मुद्रा लोन का आकार बढ़ाकर बीस लाख रूपये करना, स्ट्रेस पीरियड के दौरान एमएसएमई को क्रेडिट सपोर्ट, नेशनल इंडस्ट्यिल कॉरीडोर डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बारह इंडस्ट्यिल पार्क, वीजीएफ सपोर्ट के जरिये इंडस्ट्यिल वर्कर्स के लिए पीपीपी मोड पर रेंटल हाउसिंग व डोरमेट्री विकसित करना, मिनरल्स की रिसाईकिलिंग, घरेलू उत्पादन बढ़ाने और विदेशी अधिग्रहण संबंधी प्रस्ताव ऐसे हैं जो देश की औद्योगिक अर्थ-व्यवस्था को बड़ा विस्तार दे सकते हैं।
आरतिया के सलाहकार ओ पी राजपुरोहित और सचिव सुरेश बंसल ने शहरी विकास को लेकर की गई घोषणाओं का स्वागत किया है और कहा है कि ट्रांसपैरेंट रेंटल हाउसिंग मार्केट संबंधी नीति और रेगुलेशन को लेकर जो कहा गया है वह बहुत कायदे वाला फैसला है। इसी तरह से दस लाख करोड़ रूपये की लागत से शहरी गरीबों व मध्यम-आय वर्ग वाले परिवारों के लिए पी एम आवास योजना-2 का विस्तार, 14 बड़े शहरों में ट्रांजिट ओरियेंटेड डवलपमेंट प्लान, चुनींदा शहरों में 100 से अधिक वीकली-हाट डवलप करना और राज्यों को स्टेंप डयूटी की दरों को कम करने की अनुशंषा करना देश में बढ़ते शहरीकरण को अधिक सुविधाजनक बनायेगा।
आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सज्जनसिंह व कैलाश शर्मा ने कहा है कि भारतीय आयकर अधिनियम की समीक्षा की बात महत्वपूर्ण है, इसमें बड़े पैमाने पर संशोधन की जरूरत है। इसी तरह जीएसटी अधिनियमों में अब तक बहुत संशोधन हो गये हैं, फिर भी कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो अनावष्यक हैं। वित्त मंत्री ने जीएसटी कानून को अधिक तर्क-संगत और सरल बनाने की बात कही है। दोनों ने सुझाया है कि आयकर अधिनियम और जीएसटी अधिनियम में करदाताओं से सुझाव मांगे जायें और उनकी व्यवहारिक दिक्कतों को समझते हुए तदनुसार संशोधन प्रभावी किये जायें।

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