रिप्स योजना के लिए इंसेंटिव आकार बढ़ाये: ARTIA

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसियेशन आरतिया ने कहा है कि रिप्स योजना के तहत राजस्थान सरकार इंसेंटिव का आकार बढ़ाये, योजना एक बार प्रभावी होने के बाद एक दशक तक उसमें बदलाव न हो, शोध एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाये और कृषि एवं डेयरी क्लस्टर्स स्थापित करने के काम को थ्रस्ट एरिया में समाहित किया जाये। आज शासन सचिवालय में राजस्थान निवेश प्रौत्साहन योजना पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने उक्त सुझाव दिये। उनका कहना था राईजिंग राजस्थान के जरिये जो कुल निवेश प्रस्ताव आते हैं, उस राशि का न्यूनतम अढ़ाई प्रतिशत भी हम राजस्थान निवेश प्रौत्साहन योजना के लिए सुनिष्चित करें तो बहुत कंफर्ट साईज होगा। मान लें कुल एमओयू 20 लाख करोड़ रूपये के होते हैं, तो इसका अढ़ाई प्रतिशत 50 हजार करोड़ रूपये होता है, इतनी राशि तो निवेश प्रौत्साहन के लिए न्यायोचित रूप से बनती ही है।
यह भी कहा कि शोध एवं विकास तथा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित करने वालों के लिए रिप्स-2022 में एसेट क्रियेशन इंसेंटिव परियोजना लागत का 50 प्रतिशत है, इसके लिए केवल संगठन ही पात्र हैं, निजी तौर पर करने वालों को इस इंसेंटिव 30 प्रतिशत मात्र देय है। कोई पात्र अगर आईआईटी या समकक्ष संस्थान से पीएचडी है और तीन वर्ष से अधिक का ग्लोबल रिसर्च एक्सपीरियंस है, तो उसे भी एसेट क्रियेशन इंसेंटिव परियोजना लागत का 50 प्रतिषत मिले। इसकी अधिकतम सीमा अभी 5 करोड़ रूपये तय की हुई है, जिसे बढ़ाकर 20 करोड़ रूपये किया जाये। शोध एवं विकास ट्रेनिंग इंसेंटिव पेटे एक वर्ष के लिए दस हजार रूपये मासिक का प्रावधान है, जिसे बढ़ाकर 40 हजार रूपये किया जाये। भूमि लागत इंसेंटिव अभी मात्र 50 लाख रूपये किया हुआ है, विगत तीन वर्ष की अवधि के भीतर भू-लागत बहुत तेजी से बढ़ी है, अतः यह इंसेंटिव बढ़ाकर 2.50 करोड़ रूपये किया जाये। कांटेक्ट रिसर्च इंसेंटिव अभी 50 लाख रूपये सुनिष्चित किया हुआ है, इसे बढ़ाकर 2.50 करोड़ रूपये किया जाये, क्योंकि टैलेंट अट्रैक्शन के लिए यह सबसे महत्व्पूर्ण है।
आरतिया ने यह भी सुझाया है कि कृषि व डेयरी क्लस्टर्स स्थापित करने को भी थ्रस्ट एरिया में शामिल किया जाये, ऐसे क्लस्टर स्थापित करने के लिए पंचायत समिति क्षेत्रों में सिवाय-चक भूमि सुनिष्चित की जाये और उसका आवंटन डीएलसी दर के 25 प्रतिशत पर किया जाये। प्रति क्लस्टर आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार 5-5 करोड़ रूपये की सहायता सुलभ कराये। राजस्थान निवेश प्रौत्साहन योजना लगातार लाई जा रही है, हाल ही देखें तो वर्ष 2019 में आई, फिर वर्ष 2022 में लाई गई, अब 2024 के लिए प्लान बन रहा है। यहां विनम्र विनती है कि एक बार योजना बन जाने के बाद उसे न्यूनतम एक दशक तक प्रभावी रखा जाये, हर दूसरे साल बदलाव करना व्यवहारिक दृष्टि से बेहतर नहीं है।
एक महत्वपूर्ण सुझाव यह दिया गया है कि रिप्स योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति अधिकतम पंद्रह दिन में सुनिष्चित की जाये। साथ ही रिप्स 2019 और 2022 के आवेदकों में से अधिकतम को भुगतान नहीं मिला है, वह भुगतान भी सुनिष्चित किया जाये।

प्रसिद्ध समाचार पत्रों में कवरेज