जन सहभागिता से बढ़ सकती है गवर्नेंस दक्षता: ARTIA

जयपुर। आल राज. ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन ने भाजपा के राष्ट्ीय अध्यक्ष जे पी नडडा को भाजपा के चुनाव घोषणापत्र निमित्त कुछ सुझाव प्रेषित किये हैं, जिनमें महत्वपूर्ण बात यह कही गई है कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन जन-सहभागिता से किया जाये और इसके लिए औद्योगिक-कारोबारी तथा सामाजिक संगठनों का सहयोग लिया जाना चाहिये। आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत और चेयरमैन कमल कंदोई ने कहा कि इन संगठनों-संस्थानों का साथ मिलने से योजनाओं का लाभ पारदर्षी तरीके से नागरिकों को मिलेगा और गवर्नेंस की दक्षता भी बढेगी।

मुख्य संरक्षक आषीष सर्राफ और कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी ने कहा कि जीएसटी कानून को जुलाई में 8 वर्ष पूरे हो जायेंगे। इस कानून में अब भी जो व्यवहारिक दिक्कतें हैं, उनका समाधान करने के लिए पूरे जीएसटी कानून की समीक्षा हो और संबंधित स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांग कर तदनुसार बदलाव किये जायें। एक सुझाव यह भी दिया गया है कि हर राजकीय विभाग के काम-काज के संदर्भ में जिला स्तर पर व्यवहारी समन्वय समिति बने, जहां व्यवहारियों की व्यवहारिक समस्याओं का स्पाॅट पर निस्तारण किया जाये।
प्रमुख सलाहकार अजय गुप्ता और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरव षर्मा ने कहा कि जिस तरह से मुद्रा-स्फीति बढ़ी है, उसे देखते हुए आयकर छूट की सीमा को लेकर उदार-रवैया अपनाया जाये और करदाताओं से विचार कर इसे निर्धारित किया जाये। उनका यह भी कहना था कि टोल-टैक्स को लेकर सरकार एक पारदर्षी नीति बने और देष के सभी राजमार्गों पर टोल टैक्स की दरें प्रति किलोमीटर समान रहे।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेष चैपड़ा व सज्जन सिंह ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना को नये स्वरूप में ब्लाॅक स्तर पर ले जाया जाये और एक ब्लाॅक-एक उत्पाद योजना प्रभावी कर वहां दो काम किये जायें, पहला एक उत्पाद विषेष के उत्पादन को प्रौत्साहित किया जाये। दूसरे वहां उत्पादित कृषि एवं डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए पंचायत समिति क्षेत्र में क्लस्टर बनाया जाये। इससे सरकार पर समर्थन मूल्य प्रणाली के तहत दिये जाने वाले अनुदान का बोझ घटेगा और स्थानीय कृषि उत्पादों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण प्रारंभ होगा तो एमएसएमई क्षेत्र पनपेगा और रोजगार बढेगा।

उपाध्यक्ष सुभाष मित्तल और एच एम जौहरी ने कहा कि हर नगरपालिका और पंचायत समिति मुख्यालय पर स्पोर्ट्स एकेडमी और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किये जायें। स्पोटर््स एकेडमी में एथेलेटिक्स, तैराकी, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, कुष्ती, तीरंदाजी, निषानेबाजी के साथ कबडडी, बास्केटबाल, बालीबाल, फुटबाल और राष्ट्ीय खेल हाकी के प्रषिक्षण एवं खेलने की सुविधा हो, तो सांस्कृतिक केंद्रों पर गायन-नृत्य और स्थानीय लोक-कलाओं के प्रषिक्षण एवं प्रस्तुतिकरण की सुविधा हो। इन एकेडमी एवं केंद्रों का संचालन जन-सहभागिता आधार पर किया जा सकता है।

ओ पी राजपुरोहित व सुहृ€न्न्ाील गुप्ता ने सुझाया है कि देहृ€न्न्ा में देहृ€न्न्ाी गौ-वंहृ€न्न्ा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए सभी अनुदानित गौहृ€न्न्ाालाओं को जिम्मेदारी दी जाये, ताकि घटते जा रहे देहृ€न्न्ाी गौ-वंहृ€न्न्ा की कमी दूर हो और गौ-पालन व गौ-दुग्ध आधारित उत्पादों का उत्पादन बढ़े। साथ ही घरेलू उत्पादों के निर्यात को प्रौत्साहित करने के लिए राष्ट्ीय व वैहिृ€न्न्वक-स्तर पर ट्ेड फेयर्स का आयोजन किया जाये।

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