मध्य एशिया और पूर्वी यूरोपीय देशों में राजस्थान से निर्यात के अकूत अवसर

जयपुर। टीम आरतिया की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान से मध्य एषियाई और पूर्वी यूरोपीय देषाों में निर्यात के अकूत अवसर हैं। इन देषों को फोकस करते हुए विषेष निर्यात क्षेत्र की स्थापना अगर राजस्थान सरकार करे, तो राजस्थान का समग्र निर्यात तेजी से बढ़ सकता है। आरतिया के चेयरमैन कमल कंदोई हाल ही इन देषों की स्टडी यात्रा कर लौटे हैं और इन देषों में राजस्थान से किन-किन वस्तुओं का निर्यात किया जा सकता है इसकी व्यवसायिक संभावना का उन्होंने अध्ययन किया है।

कमल कंदोई के अनुसार मध्य एषियाई देषों की आबादी पौने आठ करोड़ के करीब है और पूर्वी यूरोप के देषों की 20 करोड़। इस तरह करीब 28 करोड़ की आबादी यह इलाका कवर करता है। मध्य एषियाई देषों में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान आदि प्रमुख हैं और पूर्वी यूरोपीय देषों में बेरारूस, मेलदोवा, रूस तथा यूक्रेन के नाम उल्लेखनीय हैं। मोटे तौर पर ये सभी देष रूस-विघटन के बाद सामने आये हैं। कुछ छोटे देष उत्तरी-पूर्वी यूरोप के भी हैं, जिनमें लेतिविया, एस्टोनिया तथा लिथुआनिया समाहित हैं, इनकी मिलाकर आबादी 60 लाख है।

अध्ययन रिपोर्ट कहती है कि इन सभी देषों में स्कूल, अस्पताल, होटल्स-रिसोर्ट्स, सौर परियोजनाएं तथा कृषि फार्मिंग स्थापित करने की जहां अकूत संभावना है, तो वहीं राजस्थान से हार्डवेयर, मार्बल, ग्रेनाइट, टाइल्स, गारमेंट, टाॅवेल्स व होजरी, कस्टमाइज्ड फर्नीचर, बैटरी इनवर्टर, बियरिंग्स, होम फर्नीषिंग, ट्ांसफार्मर्स, आई-ग्लासेज, जूते, प्लाईवुड तथा हर्बल-कास्मेटिक वस्तुओं का निर्यात किया जा सकता है। जहां तक बात इन देषों मंे निवेष की है, तो कृषि व डेयरी प्रसंसकरण इकाइयां वहां स्थापित की जा सकती है तथा वहां से यूरोपीय-खाड़ी देषों को निर्यात किया जा सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार इन देषों में फल-व ड्ाई फू्रट्स हाई-क्वालिटी के होते हैं, जिनका एषियाई व यूरोपीय देषों को निर्यात किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि आरतिया की ओर से पूर्व में अफ्रीकी देषों, दक्षिणी-पूर्वी एषियाई देषों, आयरलैंड तथा लेटिन-अमेरिकी देषों की स्टडी विजिट भी की गई थी और इन देषों से व्यापारिक संबंध प्रगाढ़ करने की दिषा में प्रदेष के उद्यमियों-कारोबारियों को जो इनपुट उपलब्ध कराया गया, उसका काफी व्यापारियों ने लाभ भी लिया है। इस तरह आरतिया केवल व्यापारिक-औद्योगिक मुद्दे उठाने तक सीमित नहीं है, बल्कि विकास की अर्थ-व्यवस्था के वर्तमान युग में नये कारोबारी अवसरों का अध्ययन कर संबंधित स्टेक होेल्डर्स को जानकारी उपलब्ध कराती रहती है

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