जनकल्याणकारी व निवेष संवर्धन योजनाओं का लाभ द्रुत गति से पहुंचायें

जयपुर।
आल राज. ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन आरतिया ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि जनकल्याणकारी व निवेष संवर्धन योजनाओं का लाभ लक्ष्यगत तबके तक द्रुत गति से पहुंचायें और इसके लिए प्रभावी कार्यान्वयन एक्षन प्लान की जरूरत है।
एसोसियेषन के विष्णु भूत, आषीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, कैलाष षर्मा, रवि गोयल, सौरव षर्मा, गिरिराज खंडेलवाल, सज्जनसिंह, राजीव सिंहल और संजय पाराषर ने कहा है कि सरकार ने 100 से अधिक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रखी हैं और 25 से अधिक निवेष संवर्धन योजनाएं हैं।  सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की हर माह पंचायत समिति और नगरपालिका स्तर पर समीक्षा हो। इस समीक्षा के दौरान स्टेक होल्डर्स को भी बुलाया जाये और उनके आवेदन पर नवीनतम प्रगति क्या है, यह देखा जाये। कार्यान्वयन मंे क्या अवरोध आ रहा है, उसे प्रषासनिक स्तर पर तत्काल दूर किया जाये।
एसोसियेषन ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता सभी निवेष संवर्धन योजनाओं पर फोकस करने की होनी चाहिये। इसके लिए जितने आवेदन आये हैं और जिस स्तर पर लंबित हैं वह स्टेटस देखा जाये। सरकारी तंत्र व स्टेक-होल्डर के बीच समन्वय स्थापित करने की पहल हो, साथ ही निवेष प्रस्तावों व इनवेस्टमेंट राजस्थान के तहत किये गये एमओयू तथा एलओआई के स्टेट्स की समीक्षा भी हो। जो निवेष प्रस्ताव अटक गये हैं, उनके अटकाव के कारणों का निराकरण किया जाये।
आरतिया का कहना है कि निवेष प्रस्तावों में भू-आवंटन तथा अन्य क्लीयरेंस संबंधी दिक्कतों की अधिक जानकारी मिल रही है। इसके लिए जिला कलेक्टर स्तर पर इन्हें केस-टू-केस देखा जाये और सभी क्लीयरेंस अधिकतम एक माह में सुनिष्चित किये जायें। इसलिए कि क्लीयरेंस के बाद जो निवेष आयेगा, वह राजस्थान के आर्थिक विकास की नई  इबारत लिख सकेगा। राजस्थान में बीस लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं और इन्हें तत्काल काम की जरूरत है। निवेष प्रस्ताव स्वीकृत होंगे तो औद्योगिक-व्यवसायिक इकाइयों की स्थापना होगी और लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।

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