ARTIA ने किया मुख्यमंत्री के विजन-2030 का स्वागत कहा इनवेस्ट राजस्थान एमओयू-एलओआई के लिए बने फास्ट ट्रैक डेस्क

जयपुर। आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आरतिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन-2030 का स्वागत करते कहा है कि अक्टूबर 2020 में इनवेस्ट राजस्थान के क्रम में जो एमओयू-एलओआई किये गये थे, उन सभी को धरातल पर कार्यान्वित करने के लिए फास्ट- ट्रैक डेस्क बनाये जाने की जरूरत है। आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कंदोई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा और उपाध्यक्ष राजीव सिंहल ने कहा है कि ट्रांसफॉरमेशन अवर वर्ल्ड: द 2030 एजेंडा फार सस्टेनेबल डलवपमेंट के क्रम में माननीय मुख्यमंत्री ने अपने विजन-2030 में उद्योगों के लिए लचीले आधारभूत ढांचे का निर्माण तथा औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की बात कही है। यह तब संभव है जबकि निवेश राजस्थान के तहत किये गये सभी एलओआई के कार्यान्वयन का काम तीव्र गति से किया जाये।
आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत व स्ट्रेटजी एडवाईजर ज्ञानप्रकाश ने कहा है कि जिन-जिन उद्यमियों-संस्थानों ने एलओआई किये हैं, उनमे से अधिकतर को विगत एक साल से सरकारी विभागों की तरफ से कनेक्ट ही नहीं किया गया है। बहुत से निवेशकों ने अपनी परियोजनाओं के लिए सरकार से नियमानुसार जमीनें मांगी थी, उनकी फाईलें जिला कलेक्टरों से उपखंड अधिकारियों के बीच में रन कर रही हैं, लेकिन निवेशकों को भू-आवंटन की दहलीज अभी तक देखने को नहीं मिली हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है और कहा गया है कि जिला स्तर पर उद्योग-अधिकारी कार्यालय में फास्ट-ट्रैक डेस्क बनाई जाये, जिसमें सप्ताह में एक बार जिला कलेक्टर खुद 4-6 घंटे तक आयें। सभी एलओआई की प्रगति की समीक्षा करें और उसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दें। हालांकि उद्योग विभाग ने वनस्टाप शॉप प्रणाली बना रखी है, लेकिन वह औपचारिक बन कर रह गई है।
आरतिया के मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश चौपड़ा का कहना है कि राजस्थान की अर्थ-व्यवस्था में उद्योगों का बड़ा योगदान है। इस योगदान की गणना जिस ग्रास स्टेट वैल्यू एडीशन से की जाती है, वह राजस्थान में लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2018-19 में यह 2.25 लाख करोड़ रूपये था, वह 2022-23 में 3.58 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। यह जीएसवीए 2030 में 8-10 लाख करोड़ रूपये तक पहुंचे, इस दिशा में सरकार को सभी तरह की राह सहज करनी चाहिये। सरकारी तंत्र में जहां अवरोध हैं, वहां चैक किया जाना चाहिये और तदनुसार बेहतर निवेश माहौल सुनिश्चित करना चाहिये, क्योंकि औद्योगिक निवेश बढ़ेगा, तो रोजगार बढ़ेगा और सरकार का अपना राजस्व भी।

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