“निर्यात पर फोकस करने के लिए बने टास्क फोर्स” – ARTIA, इनवेस्ट राजस्थान की समीक्षा कर राज्य के औद्योगिक विकास को गतिशील किया जाये

आल राज. ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (आरतिया) ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया है कि 7-8 अक्टूबर 2022 को आयोजित इनवेस्ट राजस्थान में हुए एम ओ यू तथा एल ओ आई की समीक्षा करें और तदनुसार निवेश प्रस्तावों को गतिशील किया जाये।
भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान अपनी कुछ प्राथमिकताऐं निर्धारित की है तथा उन प्राथमिकताओं में कई एम.ओ.यू. व एल.ओ.आई. मिलान कर सकते हैं, जो कि इनवेस्त राजस्थान के दौरान हुए थे, उनमें तुरन्त निवेष आने की संभावना है, ऐसे प्रस्तावों को वरियता प्रदान कर धरातल पर लाया जावे, जिससे सरकार के प्रति निवेषकों का विष्वास भी बढेगा और औद्योगिकरण में गती आयेगी।
आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत, मुख्य सलाहकार आशीष सर्राफ, चेयरमैन कमल कंदोई, एडवाइजर स्ट्रेटेजी अजय गुप्ता व ज्ञान प्रकाश, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी एवं राजकुमार अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश चौपड़ा व उपाध्यक्ष विष्णु गोयल ने कहा है कि राजस्थान सरकार एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करे, जो इन सभी एम ओ यू और एल ओ आई की केस टू केस समीक्षा करे, जिन पर काम शुरू हो गया उनकी प्रगति रिपोर्ट भी देखी जाये, कोई अड़चन आ रही है तो वह दूर की जाये।
आरतिया का कहना है कि जिन एम ओ यू और एल ओ आई पर काम शुरू नहीं हुआ और ठहरे हुए हैं उनके प्रवर्तकों से कनेक्ट किया जाये। उनके सामने आई व्यवहारिक अड़चनों का समाधान किया जाये। इससे प्रदेश में निवेश का प्रवाह बढ़ेगा तथा लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था और उत्पादकता मे इजाफा होगा तो साथ ही सरकार के राजस्व मे बढ़ोतरी होगी।
आरतिया का कहना है निवेश राजस्थान में एम ओ यू तथा एल ओ आई करने वाले प्रवर्तकों की सहायता के लिए एक हेल्प-डेस्क बने, जो विभिन्न विभागों की स्वीकृति एक सुनिश्चित समय सीमा के भीतर सुलभ कराने के लिए सक्रिय रहे। इस हेल्प डेस्क मे कारोबारी प्रतिनिधित्व भी हो, ताकि व्यवहारिक समस्याओं का समाधान करने में सहायता मिल सके। आरतिया का यह भी कहना है कि एम ओ यू तथा एल ओ आई केवल निवेश राजस्थान तक सीमित न रहें बल्कि एक पखवाड़े मे एक दिन ऐसा रहे जो नये एम ओ यू और एल ओ आई के लिए सुनिश्चित हो। इन सभी एम ओ यू तथा एल ओ आई करने वाले प्रवर्तकों की अग्रिम सहायता भी उक्त हेल्पडेस्क के जरिए सुलभ कराई जाये।
आरतिया ने यह भी सुझाया है कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा तथा कृषि व खनिज उत्पादों के उत्पादन में सिरमौर होने के बाद भी राजस्थान निर्यात के लिहाज से बहुत पीछे है, जबकि देश से जो कुल निर्यात हो रहा है उसमें गुजरात व महाराष्ट्र अग्रणी है। राजस्थान को इन राज्यों की प्रतिस्पर्धा में लाकर देश का सबसे बड़ा निर्यातक बनाने के लिए वर्तमान सरकार पहल करे और निर्यात पर फोकस करते हुए एक टास्क फोर्स बनाए। यह टास्क फोर्स निर्यात योग्य इकाइयों की स्थापना से लेकर निर्यात प्रौत्साहन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए फैसिलेटर का काम करे। देश के कुल निर्यात में राजस्थान की भागीदारी दो प्रतिशत भी नहीं है।

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