राजस्थान से चिली को हस्तशिल्प निर्यात के अकूत अवसर: ARTIA
जयपुर। भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय विदेश-व्यापार 21 हजार करोड़ रूपये के बीच है, व्यापार घाटा 2150 करोड़ रूपये के करीब 2022-23 में दर्ज किया गया था। यह व्यापार घाटा न केवल कवर हो सकता है बल्कि राजस्थान निर्मित अनेक उत्पादों का चिली को निर्यात भी संभव है, इससे राजस्थान में निर्यात योग्य उत्पाद बनाने वाले उत्पादों का उत्पादन व रोजगार बढ़ने की व्यापक संभावना है। यह कहना है आरतिया के चिली प्रभारी मुनेष पुरोहित का, जो इस समय चिली में भारतीय निर्यातकों को सहयोग कर रहे हैं। मुनीष पुरोहित हाल ही आरतिया कार्यालय पधारे, जहां उनका स्वागत-सम्मान किया गया और उन्हें चिली के लिए आरतिया की ओर से प्रभारी भी नियुक्त किया गया है।
मुनीष पुरोहित ने बताया कि राजस्थान में जो लोग होम डेकोरेशन, हस्तशिल्प, होम टैक्सटाइल, काफी एवं ड्राई फ्रूट कुकीज, ज्वैलरी, सेमी प्रीसियस स्टोंस और चांदी के उत्पाद, मेटल एवं वूडन हेंडीक्राफ्ट, होम लाईट फर्नीचर, खिलौनों, जूतों एवं चमड़ा उत्पाद, उपहार योग्य वस्तुओं आदि का उत्पादन करते हैं, उनके लिए चिली में अपना कारोबार बढ़ाने के अकूत अवसर हैं। आरतिया कार्यालय में चेयरमैन कमल कंदोई, एडवाईजर ओ पी राजपुरोहित और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने उनका स्वागत किया।
आरतिया चेयरमैन कमल कंदोई और कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी ने बताया कि देश से चिली को 2022-23 के दौरान 9369.22 करोड़ रूपये का निर्यात किया गया था और 11519.73 करोड़ रूपये का आयात हुआ था। इस तरह व्यापार घाटा 2150 करोड़ रूपये के करीब रहा। यह व्यापार घाटा कवर हो और राजस्थान से निर्यात बढ़े इस दिशा में आरतिया सार्थक पहल कर रही है। चिली में इस वर्ष दिसंबर माह के दौरान ग्लोबल ट्रेड फेयर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान के हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों के उत्पादक सीधे अपनी स्टाल लगायें, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जायेगा और फैसिलेशन भी प्रदान किया जाएगा।
आरतिया के अध्यक्ष विष्णु भूत एवं संरक्षक आशीष सर्राफ के अनुसार भारत से वाहनों, दवाइयों, इलेक्ट्किल उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों, मशीनरी, टैक्सटाइल, आर्गेनिक रसायन, प्लास्टिक, अपारेल, आयरन स्टील व इसके उत्पाद, फुटवियर, कॉटन, मशीन टूल्स आदि का निर्यात भी मोटे तौर पर होता है। चिली को होने वाले निर्यात में राजस्थान अग्रणी बने, इसके लिए आरतिया अपनी भूमिका का सक्रिय रूप से निर्वहन करेगी।
आरतिया के एडवाईजर ओ पी राजपुरोहित और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा के अनुसार चिली के ट्रेड शो में टीम आरतिया रिजल्ट-ओरियेंटेड काम करेगी अर्थात जो लोग वहां अपने उत्पादों का डिस्प्ले करेंगे, वे निर्यात आदेश लेकर भी आयें यह प्रयास रहेगा। साथ ही टीम आरतिया की ओर से हस्तशिल्प उत्पादकों को ग्लोबल लेवल पर निर्यात योग्य क्वालिटी प्रोडक्ट बनाने के लिए भी प्रेरित किया जायेगा। चिली लेटिन अमेरिकी देशों में ऐसा डेस्टीनेशन है जहां से 23 अन्य देशों को निर्यात कि विपुल संभावना है। इसके लिए टीम आरतिया एक स्टडी रिपोर्ट तैयार करवा रही है, ताकि उन देशों की संभावनाओं का दोहन भी किया जा सके।