ARTIA ने दिये राज्य बजट 2023-24 हेतु महत्वपूर्ण सुझाव मैमोरण्डम प्रस्तुत कर उद्योगों की प्रक्रिया के सरलीकरण, रीको द्वारा नो-प्रोफिट नो-लॉस की भावना के साथ जमीनों का आवंटन किया जावे व ऑक्षन की प्रक्रिया को समाप्त किया जावे,विषेष राज्य का दर्जा व राज्य में निवेष एवं निर्यात को बढाने, राज्य में पैदा होने वाले कृषि उत्पाद, मिनरल्स व  हैण्डीक्राफ्ट्स हेतु कल्स्टर विकसित करने सहित दिये कई सुझाव

जयपुर दिनांक 09 दिसम्बर 2022। अखिल राज्य ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन (आरतिया) ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि आज आरतिया की कोर कमेटी की एक बैठक का आयोजन आरतिया कार्यालय ईडन हाईट्स, बाईस गोदाम, जयपुर में किया गया, जिसमें विष्णु भूत, आषीष सराफ, कमल कन्दोई, प्रेम बियानी, ज्ञानप्रकाष, सौरभ शर्मा, डॉ. रवि गोयल, कैलाष शर्मा, सुनील बंसल, विनोद शर्मा, रमेष गांधी द्वारा राज्य बजट 2023-24 हेतु सदस्यों से प्राप्त सुझावों को संकलित कर एक बजट मैमोरण्डम तैयार करके राज्य सरकार को भिजवाया गया।
राज्य में निवेष का वातावरण बनाने के लिये सबसे ज्यादा जरूरत नये उद्योगों के रजिस्ट्रेषन की प्रक्रिया को प्रत्येक नागरिक के लिये बेहद सुलभ एवं सरल बनाये जाने की है, इसलिये रजिस्ट्रेषन एवं विभिन्न लाईसेंस व अन्य अनुमतियां प्राप्त करने की इस प्रक्रिया का इतना सरलीकरण किया जावे की एक व्यक्ति यदि कोई व्यवसाय करना चाहता है तो वह सम्बन्धित अधिकारी से मिले और वह अधिकारी उसे उसका कारोबार प्रारम्भ करने में सहयोग कर उसकी कामर्षियल गतिविधियां एवं व्यवसाय जल्द से जल्द प्रारम्भ करवा देंवें।
राजस्थान को विषेष राज्य का दर्जा दिलवाने, ईज ऑफ र्डूइंग बिजनेस, पैट्रोल-डीजल पर वैट पडौसी राज्यों के समकक्ष करने, जीएसटी के रिफार्म हेतु केन्द्र सरकार के समक्ष पैरवी करने, एक जिला एक उत्पाद को प्रोत्साहित करने, राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों के आधुनिकीकरण करने की मांग की गई है। सरकार को चाहिये कि वह औद्योगिक क्षेत्रों में भूमी की उपलब्धता सस्ती दरों पर सुनिष्चिित करवायें, यहां यह लिखना अनुपयुक्त नहीं होगा कि रीको को औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिये जहां भी सरकारी जमीन उपलब्ध होती है वह रियायती दरों पर मिल जाती है तथा रीको उसे विकसित करके औद्योगिक क्षेत्र बनाता है तथा बाद में उसकी नीलामी की जाती है, जबकि रीको का गठन ही सस्ती दरों पर औद्योगिक भूमी उपलब्ध करवाने हेतु हुआ था, तथा प्रारम्भ में रीको नो-प्रोफिट – नो-लोस पर मात्र आवंटन ही करता था, किन्ती अब पिछले कई वर्षों से ऑनलाइ्रन माध्यम से ऑक्षन के माध्यम से जमीन बेचता है, इसकी वजह से राज्य में उद्योग लगने की गती सुस्त हो गई है, अतः इस पर विचार किया जाना आवष्यक है, कम दर पर लम्बी अवधी के भुगतान की शर्तों के साथ भूमि का आवंटन किया जाना आवष्यक है।
मल्टीनेषनल कम्पनियों द्वारा अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाते हुये ऑनलाईन बिजनेस के माध्यम से डुप्लीकेट तथा गुणवत्ता रहित उत्पादों की बिक्री धडल्ले से की जा रही है तथा आमजन के साथ धोखाधडी की जा रही है। मल्टीनेषनल कम्पनियों द्वारा बिक्री किये जाने वाले उत्पादों से राज्य एवं केन्द्र सरकार को किसी भी तरह से राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। अतः इस हेतु सख्त कानून बनाकर इन पर नकेल कसा जाना आवष्यक है। साथ ही जीएसटी सलाहकार परिषद् का प्रदेष स्तर पर गठन किये जाने, स्वदेषी को प्रमोट करने, लोकल उत्पादों के प्रसंस्करण एवं वेल्यू एडिषन हेतु क्लस्टर आधारित विषेष छूट, क्रेडिट गारन्टी स्कीम को सुचारू किये जाने, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में निवेष सीमा का प्रतिबंध हटाकर ब्याज सब्सिडी प्रक्रिया को सरल बनाये जाने, फायर शुल्क की दरें पडौसी राज्यों के समकक्ष करने सहित विभिन्न मांग रखी।