मेडिकल टूरिज्म हब बनाने के लिए राज्य सरकार करे पहल: ARTIA

जयपुर। राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने के लिए राज्य सरकार पहल करे और इस कार्य को गतिषील करने के क्रम में राजस्थान फाउंडेषन की क्षमताओं-संसाधनों का उपयोग करे। यह कहना है आरतिया का। आरतिया के विष्णु भूत, आषीष सर्राफ, कमल कंदोई, कैलाष षर्मा, विनोद षर्मा, अयूब खान और अरविंद गोयल ने कहा है कि देष में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक राष्ट्ीय रणनीति और रोड़मैप तैयार किया है, जिसके तहत चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, आनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्ेवल अर्थात एमवीटी पोर्टल स्थापित करने तथा षासन व संस्थागत ढांचे को बेहतर बनाने की बात कही गई है।
आरतिया ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया है कि सबसे पहले एक नोडल एजेंसी बने, जो केंद्र सरकार की नीतियों-प्रयासों के क्रम में उपलब्ध योजनाओं का लाभ राजस्थान को दिलाये। इसके अलावा राजस्थान फाउंडेषन के सहयोग से दो काम किये जा सकते हैं, पहला तो यह कि विष्व के जिन देषों में प्रवासी भारतीयों-राजस्थानियों का निवास है उनके जरिये विष्व में राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म डेस्टीनेषन के रूप में प्रचारित-प्रसारित किया जाये। इसके अलावा भारत में जो लोग चिकित्सा कराने आते हैं, उन्हें राजस्थान आकृष्ट करने की दिषा में प्रभावी प्रयास किये जायें। इसके लिए विदेषों में और संभावित स्थलों पर वैष्विक पिं्रट-इलेक्ट्ानिक तथा आनलाइन मीडिया के जरिये अभियान संचालित किया जाये। राज्य सरकार सोषल मीडिया के जरिये वैष्विक स्तर पर राज्य को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में प्रचारित करने के लिए अलग से विंग बनाये। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने नवंबर 2016 में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी उपरांत ई-टूरिस्ट वीजा योजना को उदार बनाया था और इसका नाम ई-वीजा योजना रख दिया। इसमें ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा भी षामिल हैं। इन दोनों वीजा के मामले में ट्पिल एंट्ी की अनुमति है और संबंधित विदेषी पंजीकरण अधिकारियों द्वारा प्रत्येक मामले के आधार पर मामले की आवष्यकता के आधार पर 6 माह तक का विस्तार दिया जा सकता है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने अन्य मंत्रालयों व हितधारकों जैसे अस्पतालों, एमवीटी सुविधाप्रदाताओं, बीमा कंपनियों और एनएबीएच के साथ देष में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जो नीति बना रखी है, उसका लाभ राजस्थान में अधिकतम कैसे सुनिष्चित हो और तदनुसार प्रक्रिया कैसे सरल हा े, इस दिषा में राजस्थान सरकार रोड़मैप बनाये। आरतिया का यह भी कहना है कि राजस्थान सरकार वैष्विक स्तर पर कार्यरत राजस्थान के चिकित्सकों के संगठन जैसे डोरी अर्थात डाॅक्टर्स आॅफ राजस्थान इंटरनेषनल आदि को भी इस अभियान से कनेक्ट करे। इसके अलावा जयपुर, उदयपुर व जोधपुर में ग्लोबल मेडिकल टूरिज्म
पार्क भी बनाने की दिषा में पहल करे, जहा ं वैष्विक स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं सुलभ हों। साथ ही मेडिकल एसईजेड बनाने के लिए भी कार्य-योजना बनाये।

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