कृषि विभाग से ARTIA ने की मांग , बढायें बाजरा, ज्वार और मक्का का बुवाई रकबा

जयपुर। आल राज. ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन ने राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को पत्र लिखकर मांग की है कि राजस्थान में बाजरा, ज्वार और मक्का का बुवाई रकबा बढ़ाने के लिए कृषि विभाग को विषेष निर्देष दिये जायें तथा किसानों को इसके लिए प्रौत्साहित भी किया जाये। एसोसियेषन के अध्यक्ष विष्णु भूत, मुख्य संरक्षक आषीष सर्राफ, मुख्य सलाहकार कमल कंदोई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाष षर्मा ने कहा कि यह वर्ष मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, अतः प्रदेष में मोटे अनाज का अधिक से अधिक उत्पादन हो यह सुनिष्चित करना राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की जिम्मेदारी है।

आरतिया ने जानकारी दी है कि पिछले वर्ष राजस्थान में बाजरे की बुवाई 45.44 लाख हैक्टर में की गई थी, जबकि इस बार लक्ष्य 44 लाख हैक्टर का ही तय किया गया। कायदे से यह लक्ष्य 60 लाख हैक्टर का होना चाहिये था। इस वर्ष अब तक बाजरे की बुवाई 37.38 लाख हैक्टर में अब तक की गई है। सरकार को चाहिये कि बाजरे का उत्पादन बढ़ाने को प्रौत्साहित किया जाये। इसी तरह मक्का का लक्ष्य 9.50 लाख हैक्टर में बुवाई का रखा गया है, जबकि यह लक्ष्य 15 लाख हैक्टर का होना चाहिये था। अब तक मक्का की बुवाई 8.15 लाख हैक्टर में की गई है। इसी तरह ज्वार का लक्ष्य 10 लाख हैक्टर होना चाहिये था, जो कि 6.20 लाख हैक्टर तय किया गया है। इसकी तुलना में 4.99 लाख हैक्टर में बुवाई की गई है।

उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में इस बार मूंग की बुवाई 24.30 लाख के लक्ष्य की तुलना में 15.03 लाख हैक्टर, मोठ की 10 लाख के लक्ष्य की तुलना में 4.17 लाख हैक्टर, उड़द का 5 लाख हैक्टर की तुलना में 2.67 लाख हैक्टर तथा चैला का 65 हजार की तुलना में 43 हजार हैक्टर क्षेत्र में अभी तक हो पाई है। इसी तरह तिलहन में मूंगफली की बुवाई 7.50 लाख हैक्टर के लक्ष्य की तुलना में 7.28 लाख, सोयाबीन का 11.70 लाख की तुलना में 9.67 लाख, अरंडी का 1.90 लाख की तुलना में मात्र 6 हजार, कपास का 7.70 लाख की तुलना में 7.60 लाख तथा ग्वार का 27 लाख हैक्टर की तुलना में 10.84 लाख हैक्टर में हो पाया है।

आरतिया ने कहा है कि राजस्थान में इस बार इंद्रदेव की कृपा से अब तक अच्छी बारिष हुई है। जमीन में पर्याप्त नमी है, इस कारण कृषि उत्पादकता में बड़ा सुधार किया जा सकता है। सरकार जन-प्रतिनिधियों अर्थात विधायकों, पंचायत समिति प्रधानों-सदस्यों, जिला परिषद प्रमुखों-सदस्यों तथा ग्राम पंचायत के सरपंचों व वार्ड-पंचों को सक्रिय कर मोटे अनाज का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रेरित करने की दिषा में तत्काल पहल करे और कृषि मंत्री जी इसकी निगरानी करें तो यह किसानों और प्रदेष के हित में होगा।

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