बजट मदों की समीक्षा करे राजस्थान सरकार : ARTIA

आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन ने कहा है कि राजस्थान सरकार का संपूर्ण बजट तो चूंकि जुलाई माह में आना प्रस्तावित है, लेकिन अब जो लेखानुदान लाया जा रहा है उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है सरकार वित्तीय अनुशासन अवश्य बनाये। राष्ट्पिता महात्मा गांधी ने जो ट्स्टीशिप का सिद्घांत प्रतिपादित किया था, उसकी समुचित पालना वर्तमान परिदृष्य में आवश्यक हो गई है, इसलिए कि राजस्थान सरकार पर कर्ज व घाटे का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके लिए बजट बनाने की प्रक्रिया में भी परिवर्तन आवष्यक है।

आरतिया की ओर से विष्णु भूत, अशीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, कैलाश शर्मा, राजीव सिंहल, ओ पी राजपुरोहित, अजय गुप्ता, ज्ञान प्रकाश, संजय पाराशर, सज्जनसिंह का कहना है कि अब तक सरकार की ओर से विभिन्न औद्योगिक-कारोबारी व अन्य संगठनों से बजट के लिए प्रस्ताव मांगे जाते रहे हैं और उनकी ओर से दिये गये ज्ञापनों में से कुछ बातों-सुझावों को बजट में समाहित भी किया जाता रहा है। बजट बनाने का काम वित्त विभाग के अधिकारी करते हैं और वित्त मंत्री तदनुसार बजट प्रस्तुत कर देते हैं।

इस कार्य-प्रक्रिया से पूर्व जरूरी हो गया है कि तमाम बजट प्रस्तावों-खर्चो की व्यवहारिकता की समीक्षा की जाये। बहुत से खर्च ऐसे हैं जो अनावष्यक हैं, फिर भी किये जा रहे हैं। बहुत सी योजनाएं ऐसी हैं, जो समुचित लाभ नहीं दे रही, फिर भी चलाई जा रही हैं। निशुल्क योजनाओं का लाभ वह वर्ग भी ले रहा है जो कि संपन्न व सक्षम है। बजट मदों को नये सिरे से देखने और उनकी व्यवहारिक उपयोगिता पर मंथन की जरूरत है। यह काम करने के लिए बजटीय मामलों के जानकार विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाये, जो बजट मदों की समीक्षा कर सरकार को तीन माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इस टीम में उन जानकारों को समाहित किया जाये जो बजट को तीन-चार दशक से देख-परख रहे हैं। वे बता सकते हैं कि कौन सी मद उपयोगी है और कौन सी मद सरकार के लिए आर्थिक बोझ है।

आरतिया ने उदाहरण के तौर पर पीडीकोर के कार्य-परिचालन की समीक्षा की सलाह भी दी है और कहा है कि विगत दो दशक में इस संस्थान की कार्य-प्रणाली और इसके खर्चों का अंकेक्षण किया जाये तो तथ्य सामने आ जायेगा कि इस संस्थान पर हो रहा खर्च कितना आवष्यक था। ऐसी अनेक एजेंसियां राजस्थान सरकार में है, जिनकी व्यवहारिक दृष्टि से उपयोगिता है या नहीं यह समीक्षा का विषय है। सरकार के लिए महत्वपूर्ण है अनुत्पादक खर्च में कटौती और उत्पादकता बढाने वाली योजनाओं को प्रौत्साहित करना।

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