राजस्थान में बाजरा-ज्वार उत्पादन के लिए प्रौत्साहन दिया जाये: ARTIA
जयपुर।
आल राज. ट्ेड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेषन ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेष में बाजरा और ज्वार का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौत्साहन दिया जाये। राज्य सरकार को बताया गया है कि विगत एक दषक के दौरान प्रदेष में बाजरे का उत्पादन कमोबेष स्थिर सा है और ज्वार के उत्पादन में भी अधिक बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि गेहूं का उत्पादन अच्छे से बढ़ा है।
आरतिया के विष्णु भूत, आषीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, कैलाष षर्मा और रवि गोयल ने कहा कि यह वर्ष मिलेट इयर अर्थात मोटा अनाज वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है। बाजरा और ज्वार मोटे अनाज के रूप में स्थापित हैं, अतः इनका उत्पादन व उत्पादकता दोनों में व्यापक सुधार की जरूरत है। बताया गया है कि एक दषक पूर्व 2011-12 तक पांच वर्ष में में प्रदेष में बाजरे का औसत उत्पादन 46.01 लाख टन और ज्वार का औसत उत्पादन 3.50 लाख टन वार्षिक रहा, जबकि गेहूं का औसत उत्पादन 69.37 लाख टन रहा। वर्ष 2022-23 में बाजरे का उत्पादन 49.55 लाख टन और ज्वार का 5.43 लाख टन दर्ज किया गया, जबकि गेहूं का 113.57 लाख टन दर्ज किया गया है।
आरतिया की तरफ से सुझाया गया है कि प्रदेष में बाजरा उत्पादन का लक्ष्य आगामी खरीफ के लिए एक करोड़ टन तथा ज्वार का बीस लाख टन से अधिक निर्धारित किया जाये और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कृषि विभाग प्रदेष की सभी 352 पंचायत समिति क्षेत्र की 14 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बाकायदा प्रौत्साहन अभियान चलाये। बाजरा व ज्वार उत्पादक किसानों को 500 रूपये प्रति टन का उत्पादन बोनस देना सुनिष्चित किया जाये, ताकि किसान इन दोनों उत्पादों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित हो सके।