खनिज आधारित उद्योगों को मिले राहत

जयपुर।
 
आल राज. ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ( आरतिया) ने राजस्थान के खनिज आधारित उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को अनावश्यक शुल्क और बाध्यता से राहत दिलाने की मांग की है। इस बारे में बताया गया है कि प्रदेश की जो एम एस एम ई इकाइयां खदानों से कच्चा माल (खनिज व अयस्क) लेकर प्रोसेस करती हैं, उन पर राजस्थान सरकार के खनिज विभाग ने 25 हजार रुपए वार्षिक शुल्क की अनिवार्यता तथा ई-ट्रांजिट पास की बाध्यता लाद रखी है। इसके लिए एक वर्ष पूर्व खनिज विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया था।
आरतिया के विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सर्राफ, प्रेम बियाणी, कैलाश शर्मा और सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित के अनुसार राजस्थान माइंस एंड मिनरल्स उद्योग संघ ने इस नोटिफिकेशन के विरोध में आवाज उठाई थी, जिस पर मई माह में डीएमजी की अध्यक्षता में एक समिति भी बनी थी,जिसे 15 दिन में मामले का निस्तारण करना था, लेकिन आठ माह से कुछ नहीं हुआ है।
हालात यह है कि राजस्थान में एक हजार से अधिक इकाइयों का काम प्रभावित है और सारा कच्चा माल गुजरात जा रहा है, इस तरह राजस्थान के कच्चे माल से गुजरात की एक हजार से अधिक इकाइयां फल-फूल रही हैं और राजस्थान के उद्योग सरकार के खनिज विभाग की गलत नीतियों से त्रस्त हैं।
आरतिया ने मुख्यमंत्री जी से इस मामले में हस्तक्षेप कर तत्काल शुल्क व ई-ट्रांजिट पास से मुक्ति दिलाने का निवेदन किया है।

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