मलेशिया से द्विपक्षीय व्यापार व निवेश बढ़ाने पर ARTIA व सीआईआईएम बनायेंगे कार्य समूह

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया) और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रियलिस्ट इन मलेशिया (सीआईआईएम) के बीच भारत व मलेशिया के बीच द्विपक्षीय निवेश तथा कारोबार बढ़ाने पर सहमति बनी है। सीआईआईएम के वाइस चेयरमैन आर सी अग्रवाल जयपुर आये थे और आरतिया टीम के साथ उन्होंने एक मीटिंग ली, इसमें आरतिया के चेयरमैन कमल कंदोई, मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ, स्ट्रेटजी एडवाइजर अजय गुप्ता, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कैलाश शर्मा और वाइस प्रेसिडेंट रवि गोयल तथा आयुष जैन मौजूद रहे।

आर सी अग्रवाल ने बताया कि मलेशिया के लिए भारत पहले दस कारोबारी देशों की सूची में शामिल है।‌वर्ष 2024-25 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 19.86 अरब डॉलर था। मलेशिया से भारत को निर्यात 12.56 अरब डॉलर था और भारत से आयात 7.30 अरब डॉलर। भारत से अभी सबसे अधिक आयात पेट्रोलियम उत्पादों का 2.27 अरब डॉलर तथा इंजीनियरिंग उत्पादों का 1.46 अरब डॉलर रहा है। राजस्थान चूंकि देश में भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है, यहां से कृषि, खनिज व इंजीनियरिंग उत्पादों के मलेशिया को निर्यात का बड़ा स्कोप है। भारत में तांबे की खपत बढ़ रही है, जो मलेशिया से आयात किया जा सकता है।

आरतिया चेयरमैन कमल कंदोई व मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ ने कहा कि मलेशियाई कंपनियों के लिए राजस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर व शहरी विकास, सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन व हरित अमोनिया, कृषि व खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में निवेश के अनंत अवसर हैं, तो राजस्थान से आईटी और चिकित्सा सुविधा क्षेत्र के निवेशकों के लिए मलेशिया में बहुत मौके हैं।

स्ट्रेटजी एडवाइजर अजय गुप्ता ने कहा कि अभी मलेशिया में 150 से अधिक भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें 60 से अधिक संयुक्त क्षेत्र में हैं। भारत अभी मलेशिया से खाद्य तेल का बड़ा आयातक है, इसके अलावा मैकेनिकल एप्लाइंसेस, इलेक्ट्रिक मशीनरी, मिनरल्स का आयात करता है। टूरिज्म, जैम एंड ज्वेलरी क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अनंत कारोबारी संभावनाएं हैं।

बैठक के अंत में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों संगठन मिलकर एक संयुक्त कार्य समूह बनायेंगे, जो निवेशकों को डिजायर्ड जानकारी उपलब्ध करा समुचित सहयोग प्रदान करेगा और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा। साथ ही सीमा शुल्क संबंधी सरलीकरण के लिए सरकार को सुझाव देगा।

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