वैश्विक परिस्थितियों के बीच राजस्थान के निर्यातकों के लिए ठोस नीतिगत हस्तक्षेप की ज़रूरत – ARTIA

जयपुर – ऑल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (ARTIA) ने कहा है कि अमेरिका की बढ़ती टैरिफ नीतियों और वैश्विक स्तर पर उभरते डी-ग्लोबलाइजेशन के माहौल में राजस्थान के निर्यातकों, विशेषकर एमएसएमई इकाइयों, के सामने अभूतपूर्व चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। राज्य का भौगोलिक रूप से समुद्र तट से दूर होना भी एक बड़ी कमजोरी है, जिससे राजस्थान के निर्यातकों की लागत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हो जाती है।
ARTIA की उच्च स्तरीय समिति की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें विष्णु भूत, कमल कंदोई, आशीष सराफ प्रेम बियानी, कैलाश शर्मा, अजय गुप्ता, ज्ञान प्रकाश, ओ पी राजपुरोहित, तरुण शारदा, दिनेश गुप्ता, राजीव सिंघल, सज्जन सिंह, रमेश गाँधी, विजय खदरिया,आयुष जैन समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद थे ।
आरतिया ने सुझाया कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें तत्काल ठोस कदम नहीं उठातीं, तो निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त घट सकती है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
अन्य सुझाव
•फ्रेट सब्सिडी योजना: ‘लॉजिस्टिक कॉस्ट’ की भरपाई हेतु निर्यातकों को सड़क या कंटेनर परिवहन पर ₹10 लाख तक प्रतिवर्ष सब्सिडी तथा 25% तक व्याज आर्थिक सहायता दिया जाए।
•क्रेडिट गारंटी सहायता: निर्यातकों को ₹10 करोड़ तक की गारंटी सहायता और 8% ब्याज आर्थिक सहायता ताकि एमएसएमई को सस्ती वित्तीय उपलब्धता मिल सके।
•ECGS प्रीमियम प्रतिपूर्ति: जिन निर्यातकों का वार्षिक निर्यात ₹10 लाख तक है, उन्हें ECGS प्रीमियम का 50% वापस किया जाए।
•अंतरराष्ट्रीय मेले/प्रदर्शनी: हर साल दो बार विदेशों में मेले/प्रदर्शनी में भागीदारी की सुविधा और प्रतिपूर्ति मिले। पहली शिपमेंट से पहले भी नए इच्छुक निर्यातकों को भाग लेने की अनुमति हो।
•तकनीकी उन्नयन योजना: MSME इकाइयों को नई तकनीक, ग्रीन इनिशिएटिव और गुणवत्ता सुधार पर किए गए पूंजीगत निवेश का 50% तक अनुदान दिया जाए।
•विदेशी बाज़ार विविधीकरण: केवल अमेरिका और चीन पर निर्भरता घटाकर यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नए बाज़ार तलाशने की सक्रिय पहल की जाए।
•ऊर्जा लागत में राहत: राजस्थान में औद्योगिक इकाइयों को बिजली अत्यधिक महँगी मिल रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह लागत प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है। सरकार को चाहिए कि उद्योगों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराए।
ARTIA के प्रतिनिधियों ने कहा कि –
“आज आवश्यकता है कि राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर निर्यातकों को राहत देने के ठोस कदम उठाए। यदि राज्य सरकार निर्यातकों के लिए लॉजिस्टिक, तकनीकी और वित्तीय सहयोग की स्पष्ट नीति अपनाती है तो राजस्थान विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकता है।”
एसोसिएशन ने यह भी सुझाव दिया कि राजस्थान में ट्रेड एंड हेल्थ-केयर ग्लोबल हब बनाने की दिशा में सरकार ठोस रोडमैप तैयार करे और ‘इंवेस्टमेंट प्रमोशन डिपार्टमेंट’ को भी सक्रिय किया जाए, जिससे राज्य में विदेशी निवेश और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिल सके।