नयी सरकार से व्यापार व उद्योग जगत को अपेक्षाओं पर ARTIA का मंथन, आने वाली सरकार को दिया जायेगा इस हेतु ज्ञापन

जयपुर आरतिया की कार्यसमिति की एक बैठक आज दिनाक 01.12.2023 को आरतिया कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें कार्यसमिति के सदस्यों ने विधानसभा चुनावों के पश्चात की राजनीतिक स्थिति पर विचार विमर्ष किया एवं निर्णय लिया कि सरकार किसी भी पार्टी की बने व्यापार व उद्योग जगत की अपेक्षा नयी सरकार से क्या रहेगी। इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन सभी राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष के नाम पर बना कर भेजा जाये। सभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किये जो प्रमुखता निम्नानुसार है:-
1. राजस्थान के सभी 352 पंचायत समिति मुख्यालयों पर कृषि एवं दुग्ध प्रसंस्करण क्लस्टर बनाना। एक क्लस्टर में न्यूनतम 100 इकाइयां हों, जहां इलाके में उत्पादित कृषि एवं दुग्ध उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन हो। एक इकाई में न्यूनतम 10 लोगों को रोजगार मिले, यह सुनिष्चित किया जाये। इस क्लस्टर में कृषि उत्पादों का भंडारण, समर्थन मूल्य या प्रचलित बाजार मूल्य पर क्रय सुविधा भी हो। साथ ही उत्पादों की ग्रेडिंग, श्रेणीकरण की सुविधा रहे। तैयार माल की लैबोरेटरी जांच, भंडारण एवं विपणन केंद्र भी बने। यह क्लस्टर ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का कायाकल्प कर सके।
2. प्रत्येक पंचायत समिति में चार गांवों का चयन कर वहां स्थानीय स्तर के हस्तशिल्प विकास केंद्र बनाये जायें, जहां महिलाओं को हस्तशिल्प उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाये। यहां तैयार हस्तशिल्प उत्पाद का जिला स्तर पर अथवा निकटवर्ती पर्यटन स्थल पर विक्रय सुविधा उपलब्ध कराई जावे।
3. ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सुस्पष्ट नीति लाई जाये, जिसके तहत हर पंचायत समिति क्षेत्र के पर्यटन महत्व के स्थलों को विकसित करने की योजना कार्यान्वित हो। साथ ही वहां रहने-खाने की बजट व प्रीमियम सुविधा विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के निवेशकों को प्रौत्साहित किया जाये। राजस्थान में देसी विदेशी पर्यटकों की भरपूर आवाजाही है। एक मोटे अनुमान के अनुसार 15 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अब आने लगे हैं, आगे यह संख्या तेजी से बढ़ेगी।
4. प्रदेष के सभी पर्यटन स्थलों पर बेहतर क्वालिटी का स्थानीय-राजस्थानी आहार उपलब्ध कराने के लिए देसी रेस्तरां की चैन विकसित की जाये ताकि राजस्थान का आथंटिक फूड सुनिश्चित किया जा सके।
5. पर्यटन का राजस्थान की अर्थ-व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें कुछ नया समाहित कर राजस्थान को वैश्विक स्तर का टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाया जाये। इस पर सुझाव देने के लिए स्टेक होल्डर्स की एक समिति बनाई जाये, जिसके सुझाव पर राजस्थान टूरिज्म में इन्नोवेशन व क्रियेशन को फोकस किया जाये।
6. देष में प्रतिवर्ष 55 लाख करोड़ रूपये मूल्य से अधिक का आयात हो रहा है, इनमें से अधिकतर उत्पाद ऐसे हैं जिनका उत्पादन हम राजस्थान में कर आयात पर खर्च होने वाली विदेषी मुद्रा बचा सकते हैं और राजस्थान को आयात विकल्प उत्पादों का बड़ा हब भी बना सकते हैं। डेडीकेटड फ्रेट कारीडोर के जंक्शन एरिया के नजदीक ऐसे उत्पादों के उत्पादन के लिए मेगा-इंडस्ट्यिल टाउनशिप डवलप की जा सकती है। अगले पांच वर्ष में दस ऐसी टाउनशिप डवलप हो, यह कोशिश रहे, जो देश की अर्थ-व्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाला कदम साबित हो सकता है।
7. राजस्थान मसालों का बड़ा उत्पादन केंद्र है और यहां उत्पादित मसालों का बड़ा निर्यात संभव है। इन मसालों के उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने की महत्वाकांक्षी कार्य-योजना बने, ताकि अगले पांच साल में मसाला उत्पादन तीन गुना से अधिक बढ़ सके। राजस्थान मसालों का बड़ा निर्यात केंद्र बने, यह सुनिश्चित किया जाये।
8. पीली सरसों का तेल केवल खाद्य तेल नहीं बल्कि औषधीय गुण भी इसमें समाहित हैं। इस पीली सरसों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाये। हालांकि राजस्थान में सरसों उत्पादन विगत तीन दशक में बढ़कर अढाई गुणा हो गया है, जिसे वर्तमान स्तर की तुलना में दो गुना और बढ़ाये जाने का लक्ष्य रहे।
9. राजस्थान में निजी और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक तरह से चौपट सी है। रोड़वेज बदहाली के कगार पर है। परिवहन व्यवस्था को संगठित निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने के लिए नई पहल होए ताकि मांग व आवश्यकता-अनुसार परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी तरह शहरी परिवहन व्यवस्था भी बेहाल है। इसे निजी क्षेत्र के सहयोग से दुरूस्त करने की व्यवस्था विकसित की जाये ।
10. जल संरक्षण की अनेक योजनाएं संचालित हैं, लेकिन उनका समुचित लाभ अभी तक नहीं मिला है। दूदू के गांव लापोड़िया में जिस चौका तकनीक से जल संरक्षण व संचयन हो रहा है, वह रिमार्केबेल है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर वर्षा जल संरक्षण एवं संचयन का काम मनरेगा के तहत समूचे राजस्थान में करवाया जाये, ताकि जल संरक्षण समुचित रूप से हो सके और कुओं का जलस्तर बेहतर हो सके।
11. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बेहतर संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर एक एजेंसी बनाई जाये, जो जिला स्तर से ग्राम-पंचायत तथा नगरपालिका स्तर पर मानीटर करे। लाभार्थियों के यहां सतत कनेक्ट किया जाये, ताकि उन्हें लाभ मिल रहा है या नहीं यह सुनिष्चित किया जा सके। इस प्रणाली के दुरूपयोग की बहुत शिकायतें मिल रही हैं।
12. चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की खामियों को दूर किया जाये और इसे पूरी तरह व्यवहारिक बनाया जाये। अभी निजी अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सा नहीं मिल पाती, बल्कि अनेक औपचारिकताएं पूरी करनी होती है। अब यह सुुनिष्चित किया जाये कि अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सा प्रारंभ हो।
13. राजस्थान की हर ग्राम पंचायत में खेल के मैदान हो यह सुनिष्चित किया जाये। फुटबाल, बालीबाल, एथेलेटिक्स, जिम्नास्टिक, तैराकी, भारोत्तोलन, कुश्ती एवं अन्य दो प्रमुख खेलों की सुविधा हर ग्राम पंचायत मे उपलब्ध कराई जाये। हर पंचायत समिति स्तर पर खेलों के प्रशिक्षक तैनात किये जायें और खेलों के जरिये राजस्थान की जनशक्ति तैयार हो। इसलिए कि अच्छे खिलाड़ियों के लिए जहां नियोजन के बड़े अवसर मिलते हैं, तो वहीं वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन बेहतर हो तो संबंधित खिलाड़ी व उसके गांव के साथ प्रांत का भी नाम होता है।
14. हमारी आंचलिक संस्कृति बहु-आयामी है। जिस तरह बाड़मेर-जैसलमेर के लंगा ब्रदर्स ने अपनी प्रस्तुतियों से वैश्विक पहचान बनाई है, उस तरह का हुनर हर पंचायत समिति क्षेत्र में है। ऐसे हुनर को निखारने के लिए हर पंचायत समिति स्तर पर एक सांस्कृतिक केंद्र बने। वहां कला-संस्कृति का पोषण हो और साथ ही राजस्थान की प्रतिभाओं को वैष्विक मंच सुलभ कराने के लिए कोशिश हो।
15. रीको की कार्य-प्रणाली में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है, इसे संबंधित स्टेक-होल्डर्स से बातचीत कर सुधारा जाये और रिफार्म प्रोग्राम संचालित होे। रीको की स्थापना उद्योगों को सस्ती दरों पर भूमि उपलब्ध करवाने हेतु किया गया था, किन्तु वर्तमान में रीको द्वारा भूमि का आवंटन निलामी के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे राज्य का निवेश विपरित रूप से प्रभावित हो रहा है। अतः उद्योग हेतु भूमि का आवंटन निलामी के माध्यम से ना किया जाकर नो-प्रोफिट नॉ-लॉस की धारणा के साथ किया जाना चाहिये, जो कि रीको को स्थापित करने का मूल उद्देष्य था।
16. राजस्थान को एजुकेशन का ग्लोबल हब बनाने के लिए वैष्विक विश्वविद्यालयों को राजस्थान में अपनी पीठ या सेंटर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाये, ताकि राजस्थान के बच्चों को विदेश जाकर अतिरिक्त खर्चा न करना पड़े व वैष्विक स्तर का अध्ययन उन्हें राजस्थान में ही मिल जाये।
17. राजस्थान में शोध एवं विकास कार्य अब तक गतिशील नहीं हो पाये हैं। अतः राजस्थान को शोध एवं विकास का बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल हो, ताकि आने वाला इन्नोवेषन व क्रिएशन राजस्थान से ही हो।
18. शहरी व कस्बाती इलाकों में लाखों की तादाद में घरेलू कामकाजी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके रहने के बेहतर इंतजाम नहीं हैं। ऐसी महिलाओं की आमदनी बहुत सीमित होती है। उनके लिए रिहाइश विकसित की जाये।
19. औद्योगिक श्रमिकों के लिए भी उद्योग क्षेत्रों में रिहाइश व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। बेहतर रिहाइश, चिकित्सा- शिक्षा सेवा श्रमिकेां को मिल सके यह सुनिष्चित किया जाये।
20. जीएसटी कौंसिल की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए जाने से पूर्व राज्य सरकार का प्रतिनिधि औद्योगिक-कारोबारी संगठनों की एक कोर कमेटी से मिलकर जाये यह सुनिष्चित किया जाये। सरकार आने पर इस कोर कमेटी का गठन किया जाये, ताकि प्रदेश के उद्योग-व्यापार जगत की बेहबूदी की राह में आने वाली तकलीफों का यथास्थान निराकरण किया जा सके।
21. औद्योगिक स्थापना के लिए सिंगल-विंडो स्कीम को व्यवहारिक बनाया जाये। एक उद्योग की स्थापना के लिए सभी तरह की अनुमति एक पखवाड़े में मिल जाये, यह सुनिष्चित किया जाये। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों का पूर्ण विकास यथा बिजली, पानी, सड़क व पौधारोपड़ की पूर्ण व्यवस्था की जावे।
22. राजस्थान की उच्च शिक्षा को उद्योगों से संबद्ध किया जाये। उच्च शिक्षा को हुनर से युक्त किया जाये, ताकि स्नातक स्तर के शिक्षित छात्र के हाथ में एक हुनर तो हो।
23. राजस्थान की कालेज शिक्षा में जीएसटी पाठ्यक्रम में समाहित किया जाये, ताकि वाणिज्य विषय के हर छात्र को जीएसटी की समुचित जानकारी हो सके।
24. डीजल व पैट्रोल पर वैट की दरों को पडौसी राज्य के समान किया जावे।
25. अपराधों की रोकथाम हेतु आर्टिफिषयल इंटेलीजेंसी, आधुनिक तकनीकी का ईस्तेमाल करते हुये नाईट विजन कैमरों द्वारा निगरानी की व्यवस्था की जावे व उसकी सुचारू मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जावे।
26. जी.एस.टी. में कई अमेण्डमेंट्स हो गये हैं, जिसके कारण गलती की संभावनाऐं भी बढ गई है, ऐसे में अन्जाने में की गई गलती पर भी दण्डित किया जा रहा है। अतः इस हेतु एक सैल बनाई जावे तथा जानबूझकर की गई गलती पर दण्ड का प्रावधान हो तथा अन्जाने में की गई गलती के सुधार का समय दिया जावे।
27. ऑनलाईन धोखाधडी रोकने के लिये प्रभावी तंत्र विकसित किया जावे, जो आसानी से प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच में हो, और धोखाधडी होने पर तुरन्त प्रभाव से संपर्क स्थापित हो सके जिससे, समय रहते कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
28. जयपुर नगर निगम में ठेका प्रथा को समाप्त किया जावे अथवा आवष्यक सुधार किये जावे। वर्तमान में इससे राज्य के राजस्व प्राप्ति में कोई ज्यादा फर्क नहीं पडा है बल्कि ठेकेदारों की मनमानी के कारण राज्य के व्यापार एवं व्यापारी को परेषानी उठानी पड रही है।
29. वर्तमान में राजस्थान में रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से 18000 मेगावाट एनर्जी का उत्पादन हो रहा है, जबकि हमारी काबिलियत 1 लाख मेगावाट एनर्जी उत्पादन की है। साथ ही आगामी 2030 तक करीब 4 लाख करोड रूपये का इनवेस्टमेंट इस क्षेत्र में होने की उम्मीद है। ऐसे में मध्यप्रदेष, हरियाणा, तमिलनाडु की तरह राजस्थान में भी एक डेडीकेटेड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय स्थापित किया जाना चाहिये, जिससे उपलब्ध रिर्सोसेज का पूर्ण उपयोग किया जा सके।
30. वर्तमान में ऊर्जा से सम्बन्धित रिसर्च एवं डवलपमेंट हेतु गुजरात में ऊर्जा युनिवर्सिटी स्थापित की गई है, इसी तर्ज पर राजस्थान में भी एक ऊर्जा युनिवर्सिटी की स्थापना की जानी चाहिये, जिससे रिसर्च एवं डवपमेंट द्वारा रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में नवाचार स्थापित किये जा सके।

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