ARTIA ने बताया उत्पादन व इन्फ्रास्ट्क्चर क्षेत्र के लिए लाभकारी बजट


जयपुर। आल राज. ट्रेड एंड इंटस्ट्री एसोसियेशन ने केंद्रीय बजट प्रस्तावों को औद्योगिक उत्पादन व इन्फ्रास्ट्क्चर के लिए लाभकारी बताया है। आरतिया के विष्णु भूत, अशीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, नरेश चौपड़ा, ज्ञान प्रकाश, अजय गुप्ता, सौरव शर्मा, राजीव सिंहल, एच एम जौहरी, सुनील बंसल, सज्जनसिंह व विष्णु गोयल ने कहा है कि इन्फ्रास्ट्क्चर विकास एवं रोजगार सृजन के लिए 11.11 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान उत्पादक कंपनियों के लिए कार्पोरेट कर की दर 30 प्रतिषत से घटाकर 22 प्रतिशत करना तथा नई उत्पादक कंपनियों के लिए केवल 15 प्रतिशत रखना इस क्षेत्र को प्रौत्साहित करेगा।
आरतिया ने देश के एक करोड़ परिवारों को रूफ-टाप सोलराईजेशन के जरिये 300 यूनिट बिजली निःशुल्क दिये जाने का प्रस्ताव सराहनीय है, इससे प्रति परिवार 18 हजार रूपये की बजत हो सकेगी। यह पैसा कालांतर में बाजार अर्थ-व्यवस्था में प्रवाहित हो सकेगा। डिफेंस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की पहल को आरतिया ने सराहनीय बताया है।
टूरिज्म क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं का भी आरतिया ने स्वागत किया है और कहा है कि राज्यों को आईकोनिक टूरिस्ट सेंटर्स डवलप करने के लिए सहायता दिये जाने का प्रस्ताव निष्चित रूप से सराहनीय है। इसी तरह पर्यटन केंद्रों को वहां की सुविधाओं की क्वालिटी एवं सेवाओं के आधार पर रेटिंग दिये जाने के प्रस्ताव से सभी पर्यटन केंद्रों के बीच आपसी स्पर्धा बढ़ेगी और ये केंद्र बेहतर सुविधायुक्त हो सकेंगें। राज्यों को ये सुविधाएं विकसित करने के लिए दीर्घकालिक आधार पर ब्याज मुक्त उधार दिये जाने का स्वागत भी आरतिया ने किया है।
टीम आरतिया ने सुझाया है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को नहीं बढ़ाया गया है, जबकि यह न्यूनतम 10 लाख रूपये वार्षिक होनी चाहिये थी। इसी तरह सोना-चांदी पर सीमाशुल्क में बढ़ोतरी देश के सर्राफा कारोबार को प्रभावित कर सकती है, इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिये। यह भी कहा है कि भारतीय रेलवे को वित्तीय आवंटन तो बढ़ा दिया गया है, लेकिन रेलगाड़ियों में सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या भी बढ़ाई जाये, क्योंकि रेलवे देश में सार्वजनिक सेवा का सबसे बड़ा उपक्रम है। इसके अलावा विगत वर्ष के बजट में घोषित एग्री स्टार्ट अप्स के लिए कृषि वर्धक नीति योजना की समीक्षा का आग्रह भी किया है और अधिक से अधिक प्रौत्साहन की आवष्यकता जताई है।

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